नई दिल्ली/वाशिंगटन : अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने गुरुवार को बताया कि उसने विमान विनिर्माता हिंदुस्तान एयरोनटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिल कर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों के लिए इंजन बनाने के करार पर हस्ताक्षर किए है। कंपनी ने कहा है कि वह भारत में इंजन बनाने के लिए अमेरकी सरकार से रक्षा निर्यात संबंधी आवश्क लाइसेंस प्राप्त करने में लगी है। यह करार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्तमान अमेरिका यात्रा की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका में ओहियो की कंपनी जीई एयरोस्पेस ने कहा है कि इस करार के तहत उसके एफ414 जेट इंजन का भारत में एचएएल के साथ मिल कर विनिर्माण किए जाने की संभावना है। जीई एयरोस्पेस ने कहा है कि वह इसके लिए अमेरिकी सरकार से निर्यात संबंधी आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रही है।
जीई एयरोस्पेस के मुख्य अधिशासी अधिकारी एच लारेंस कल्प जूनियर ने एक बयान में कहा कि हमारे एफ414 इंजन बेजोड़ हैं। इससे दोनों देशों को आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण लाभ मिल सकते हैं क्योंकि हम अपने ग्राहकों के लिए उनके सैन्य बेड़े की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सर्वोत्तम इंजन बनाने में उनकी मदद करते हैं। उन्होंने एचएएल और जीई एयरोस्पेस के बीच इस करार को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह भारत और एचएएल के साथ हमारी पूरानी भागीदारी के चलते संभव हो सका है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच निकट सहयोग के राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के सपने की प्रगति में सहयोग की अपनी भूमिका निभाते हुए हमें गर्व है। जीई भारत में इंजीनियरिंग, विमानन, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में काम कर रही है। एचएएल द्वारा विकसित तेज विमानों में इस समय जीई के ही एफ404 इंजन लगाए जा रहे हैं। एफ414 की ताकत बेजोड़ है।