RANCHI : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ ) के रवि कुमार उन राजनीतिक दलों के खिलाफ एक्शन में हैं, जिन्होंने तीन साल से न तो अपनी ऑडिट रिपोर्ट दी है, न ही चुनाव खर्च का ब्योरा दिया है. भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसी 7 पार्टियों को चिह्नित किया है. इसके आधार पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उन 7 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को नोटिस जारी किया है.
निर्वाचन कार्यालय की ओर से जिन पार्टियों को नोटिस जारी किया गया है, उसमें 5 पार्टियां रांची की हैं. एक-एक पार्टी चतरा और पूर्वी सिंहभूम की हैं. रांची की झारखंड की क्रांतिकारी पार्टी, झारखंड पार्टी (सेक्युलर), लोक जन विकास मोर्चा, राष्ट्रीय देशज पार्टी और राष्ट्रीय संगाइल पार्टी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. वहीं, पूर्वी सिंहभूम की झारखंड पीपल्स पार्टी और चतरा की राष्ट्रीय जनक्रांति मोर्चा को नोटिस के जरिये सूचित किया गया है कि वे अपने अस्तित्व एवं कामकाज के संबंध में समय पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष शपथ पत्र एवं आवश्यक साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखें.
नोटिस में स्पष्ट है कि अगर समय सीमा के भीतर राजनीतिक दलों का जवाब नहीं मिला, तो यह मान लिया जायेगा कि पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो चुका है. इस आशय की सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी जायेगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि इन 7 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने 3 वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) का वार्षिक अंकेक्षित खाता संबंधी विवरणी आयोग को नहीं भेजे हैं.
साथ ही यह भी तथ्य भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में आया है कि उपरोक्त राजनीतिक दलों ने निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लिया है, लेकिन निर्धारित समय के अंदर यानी विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिन एवं लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों के भीतर अपना व्यय-विवरणी आयोग को नहीं सौंपा है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में उपबंधित प्रावधानों का उल्लंघन है.
इसलिए इन दलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश जारी किया है. इसी निर्देश के आलोक में इन दलों के अध्यक्ष/महासचिव को पार्टी की तरफ से शपथ पत्र सहित लिखित पक्ष 9 से 16 अक्टूबर के बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पूर्वाह्न 11:00 बजे रखें. इस आशय की सूचना राजनीतिक दलों को पंजीकृत पत्राचार के पते पर भेज दी गयी है. साथ ही समाचार पत्रों में आम सूचना के माध्यम से भी प्रकाशित की गयी है.