Chandigarh। पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) का बजट सत्र 1 मार्च से शुरू होकर 15 मार्च तक चलेगा। 5 मार्च को वित्त मंत्री हरपाल चीमा सदन में बजट पेश करेंगे। सरकार ने पंजाब होमगार्डज़ के बलिदानी वालंटियर जसपाल सिंह के परिवार को एक्स-ग्रेशिया ग्रांट देने, ‘दा ईस्ट पंजाब वॉर एवॉर्डज़ एक्ट- 1948’ का संशोधित बिल पेश करने और राज्य में लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के ‘एमएसएमई पंजाब’ बनाने का निर्णय लिया है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बजट सत्र के प्रोग्राम के अनुसार सेशन 1 मार्च को राज्यपाल के भाषण के साथ शुरू होगा और बाद में दिवंगत शख़्सियतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वित्त मंत्री हरपाल चीमा 5 मार्च को वर्ष 2024-25 के बजट पेश करेंगे। यह सत्र 15 मार्च को सदन अनिश्चित समय के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने सुल्तानपुर लोधी में अमन-कानून की रक्षा के दौरान बलिदान हुए ज़िला कपूरथला के गांव मनियाला के पंजाब होमगार्डज़ के वालंटियर जसपाल सिंह पुत्र दलीप सिंह (नंबर- 28475) के योगदान के मद्देनज़र बलिदानी के परिवार को विशेष केस के तौर पर एक्स-ग्रेशिया ग्रांट देने का निर्णय किया है। मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग के डिज़ाइन विंग को सरकारी स्वामित्व वाले, सहायता प्राप्त कालेजों और इंजीनियरिंग कॉलेजों व संस्थाओं के स्टाफ की तर्ज़ पर निजी संस्थाओं को डिज़ाइन और कंसलटेंसी सेवाएं देने को भी मंज़ूरी दे दी है। इसमें यह शर्त होगी कि डिज़ाइन और कंसलटेंसी सेवाओं से आने वाले राजस्व का 40 प्रतिशत राज्य के खजाने में जमा करवाया जायेगा।
मान मंत्रिमंडल ने ‘दा ईस्ट पंजाब वॉर ऐवॉर्डज़ एक्ट-1948’ में संशोधन करने के लिए एक बिल विधानसभा के आगामी सत्र में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस संशोधन से जंगी जागीर की राशि (वित्तीय सहायता) मौजूदा 10 हजार रुपये सालाना से बढ़ कर 20 हजार रुपये सालाना हो जाएगी। दरअसल, दा ईस्ट पंजाब वॉर एवॉर्डज़ एक्ट-1948 के अंतर्गत उन माता-पिता को जंगी जागीर दी जाती है, जिनके अकेले बच्चे या दो से तीन बच्चे दूसरे विश्व युद्ध, राष्ट्रीय इमरजेंसी-1962 और साल 1971 के युद्ध दौरान भारतीय फ़ौज में सेवा निभा चुके हैं। इस समय पर इस योजना के तहत 83 लाभार्थी लाभ ले रहे हैं।
मंत्रिमंडल ने राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में ‘एमएसएमई पंजाब’ नामक समर्पित विंग की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है। यह पहल से एमएसएमई उद्योगों की विभिन्न चुनौतियों को हल करने और पंजाब को एक बहुत ही जीवंत और गतिशील औद्योगिक केंद्र में बदलने के लिए सरकार की वचनबद्धता प्रमाणित होगी। सरकार ‘एमएसएमई पंजाब’ सूक्ष्म, छोटे और दर्मियाने उद्योगों की क्षमता को बढ़ाने के लिए काम करेगा, वित्तीय संस्थाओं और बैंकों से एमएसएमई उद्योगों को कर्ज़े के निरंतर प्रवाह को यकीनी बनाएगा, जिससे उनको अपने विस्तार और नवीनता को बढ़ाने के योग्य बनाया जा सके। इसके साथ एमएसएमई उद्योगों को उन्नत तकनीकें अपनाने और उनके कामों को आधुनिक बनाने में सहायता देगा और आधुनिक टेस्टिंग सुविधाओं और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के क्षेत्रों में साझे सुविधा केंद्र की स्थापना की सुविधा उपलब्ध कराएगा। जिससे वे अपने उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय मापदण्डों को पूरा कर सकेंगे।