रांची। कोरोना संकट में केंद्र सरकार ने राहत पैकेज नहीं कर्जा पैकेज दिया है। 20 लाख करोड़ का पैकेज देकर सरकार ने कोयला खदानों को बेच दिया है। यही नहीं सरकार ने रेल बेच दिया, सेल बेच दिया, भेल बेच दिया और हेल भी बेच दिया। एयरपोर्ट को भी सरकार ने नहीं बख्शा और उसे भी बेच दिया। मंगलवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बातें झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं।
उन्होंने कहा कि लोगों को जबर्दस्ती कर्ज में लादकर सरकार भूखमरी को जिजीविषा में परिवर्तित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों को बेचे जाने के खिलाफ यहां के मजदूर और किसान लंबी लड़ाई लड़ेंगे।
राज्य सभा चुनाव में दूसरी सीट भी जीतेगा महागठबंधन
भट्टाचार्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्यसभा की एक सीट पर तो झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की जीत तय है। वहीं भाजपा में अंतर्कलह के कारण दूसरी सीट पर भी महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत होगी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव की तिथि भारत निर्वाचन आयोेग ने तय कर दी है। दुमका विधानसभा चुनाव पर भी आयोग स्थिति क्लीयर कर दे तो अच्छा रहेगा।
केंद्र के पास प्रवासी मजदूरों का कोई डाटा नहीं था
सुप्रियो ने कहा कि बांग्लादेश ने लॉक डाउन से पहले लोगों को आने-जाने का समय दिया गया। पर केंद्र सरकार के पास प्रवासी मजदूरों का कोई डाटा ही नहीं था। एनएसएसओ ने बीते छह वर्षों में इसका आंकड़ा ही नहीं दिया। लॉक डाउन में सब ठीक चल रहा था पर अव्यवस्था फैलाने की आग में घी डालने का काम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने कोटा से बसों में भरकर राज्य के स्टूडेंट्स को बुलवाया। इसका नतीजा यह हुआ कि पूरे देश का सिस्टम बर्बाद हो गया। मजदूर पैदल चलने लगे, बसों में एक्सीडेंट होने लगे, अब जब संक्रमण उफान पर है तो केंद्र सरकार लॉक डाउन में छूट दे रही है। कपड़े और जूते चप्पल की दुकानें क्यों नहीं खुलने की छूट दी गयी इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस व्यवसाय में कांटैक्ट होता है उसमें अभी छूट नहीं दी गयी है। इस दिशा में समीक्षा के बाद कोई निर्णय लिया जायेगा।
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