Ranchi। छठी झारखंड विधानसभा के प्रथम सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इससे पूर्व जितने भी अभिभाषण हुए, उनमें यह सबसे छोटा और अधिक दूरदर्शिता के साथ दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य आंदोलन की उपज है। खून से सींचा गया राज्य है। यहां के लोग स्वाभिमानी हैं। जो ठान लेते हैं, वो तब तक नहीं रुकते, जब तक मंजिल न मिल जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के बाद से परिवर्तन दिखा है। चाहे आधारभूत संरचना हो, पर्यटन हो या रोजगार सृजन हो। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां श्रमिकों के लिए बेहतर कानून बनाया गया है। उन्होंने भाजपा विधायक सीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बुर्जुग हो गए हैं। शहर को नया आयाम देने का काम किया गया है। रांची का चहुंमुखी विकास हुआ है। हर दिन एक नया अध्याय इस राज्य में जुड़ेगा। ये सरकार प्रोजेक्ट भवन से नहीं बल्कि गांव से चलने वाली सरकार है। गांव की अर्थव्यस्था नहीं बढ़ेगी तो राज्य के सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। पूर्व में भी काम किया है आगे भी काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बड़े-बड़े उद्योग, बोकारो, एचईसी, सिंदरी खाद कारखाना लगे। यह उस समय की बात है, जब देश को टाटा-बिड़ला के नाम से जाना जाता था। इसके बावजूद लोग भूमिहीन, बेरोजगार और विस्थापित होने लगे। हमें गर्व है, उन महापुरूषों पर जिन्होंने अपना लक्ष्य साधे रखा। लंबी लड़ाई लड़ी। 2000 में नया राज्य बना। यह सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने नए राज्य पर मुहर लगाई लेकिन अलग राज्य की लड़ाई में दस महीने नहीं, वर्षों बरस लग गए। इस पीड़ा को हम लोगों से अधिक कोई नहीं समझ सकता। 2019 तक इस राज्य को दलदल में धकेलने का ऐसा प्रयास किया गया कि दोबारा उबर नहीं सके। 2019 में गठबंधन की सरकार बनी। इसके बाद भी सत्ता से बेदखल करने के कई हथकंडे अपनाए गए। आज दोबारा सरकार को इस मुकाम में पहुंचाने में जनता की भूमिका है।