Ranchi। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन (Chief Minister Champai Soren) मंत्रिमंडल (cabinet) का विस्तार शुक्रवार को तीन बजे होगा। इसे लेकर राजभवन में तैयारी पूरी हो गई है। झामुमो में जहां अभी तक उलझन बनी हुई है, वहीं कांग्रेस में विधायकों का जोर आजमाइश जारी है। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी नामों की सूची लेकर दिल्ली गये थे। उन्होंने पार्टी आलाकमान से सहमति प्राप्त कर ली है।
जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री बनाने को लेकर यदि सहमति बन जाती है तो कांग्रेस के आलमगीर आलम और झामुमो से बसंत सोरेन को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। इसके अलावा कांग्रेस और झामुमो कोटे से बनने वाले मंत्रियों में मिथिलेश ठाकुर और मथुरा महतो के नाम की चर्चा है।
फिलहाल, चम्पाई सोरेन कैबिनेट (Champai Soren Cabinet) में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद पर जगह मिल चुकी है लेकिन अभी तक पोर्टफोलियो तय नहीं हुआ है। बताया गया है कि झामुमो की तरफ से मंत्रियों की सूची तैयार हो चुकी थी लेकिन कांग्रेस में खटपट ने मामला उलझा दिया। इसका नतीजा है कि आठ फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह टालना पड़ा। मुख्यमंत्री को अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से आग्रह करना पड़ा कि कैबिनेट के विस्तार के लिए 16 फरवरी की तारीख तय की जाए। हालांकि, अभी भी दोनों खेमा चुप्पी साधे हुए हैं।
झामुमो खेमे से मिली जानकारी के अनुसार झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन (JMM supremo Shibu Soren) के पुत्र बसंत सोरेन की कैबिनेट में एंट्री तय मानी जा रही है। मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन और जोबा मांझी सेफ जोन में हैं। झामुमो पाले से यह भी सूचना मिल रही है कि इस बार झामुमो विधायक मंगल कालिंदी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। कुर्मी वोट बैंक को साधने में लंबे समय से सफल रहे जगरनाथ महतो के निधन के बाद मंत्री बनाई गयी बेबी देवी को लेकर थोड़ी ऊहापोह वाली स्थिति बनी हुई है। संभवत: मंगल कालिंदी को 12वां मंत्री बना दिया जाए। जहां तक सीता सोरेन की बात है तो उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है।
माना जा रहा है कि एक घर से दो मंत्री नहीं हो सकते हैं। इसलिए सोरेन परिवार को विरोध का भी सामना करना पड़े। इस वजह से सीता सोरेन को राज्यसभा भेजा जा सकता है। बादल पत्रलेख और डॉ रामेश्वर उरांव का पत्ता कट सकता है। महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। लिहाजा, कांग्रेस के अंदर वेट एंड वॉच वाली स्थिति है। वैसे जल्दी ही इस सस्पेंस पर से पर्दा उठ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ईडी की कार्रवाई के बीच हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद सत्ता की बागडोर चम्पाई सोरेन के हाथों में आ गई। कांग्रेस और राजद के सहयोग से बनी गठबंधन की सरकार ने विधानसभा में पांच फरवरी को विश्वास मत भी हासिल कर लिया है।