रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the assembly) और सरकार के मंत्रियों की मौजूदगी में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) परिसर से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (Drinking Water and Sanitation Department) अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरुकता के लिए एलईडी प्रचार वाहन (led promotional vehicle) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
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प्रचार रथ को रवाना करने के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर (Minister Mithilesh Thakur) ने कहा कि इस एईडी वाहन की मॉनिटरिंग राज्य सरकार करेगी। साथ ही इस वाहन में आधी हिस्सेदारी केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार का होगा।एलईडी युक्त प्रचार वाहन का उद्देश्य स्थानीय जन समुदाय को जागरूक करना है। राज्य के प्रत्येक नागरिक को यह प्रचार वाहन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत करायेगा। मंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत सभी ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील घरेलू नल जल संयोजन (एफएचटीसी) के माध्यम से प्रति दिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करने की दिशा में तत्परता से कार्य कर रही है।
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जल जीवन मिशन अन्तर्गत केन्द्र सरकार (Central Government) एवं राज्य सरकार (state government) का अंशदान 50-50 प्रतिशत है लेकिन योजनाओं की स्वीकृति, कार्यान्वयन, पर्यवेक्षण के साथ-साथ रख-रखाव एवं संचालन राज्य सरकार के अधीन है यानी जल जीवन मिशन का अधिकांश कार्य राज्य सरकार के क्षेत्राधीन है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 40 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध जल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है और प्रतिदिन औसतन लगभग 3500 नये घरों में नल कनेक्शन देने का कार्य किया जा रहा है। राज्य के 296 ग्रामों को हर घर जल सत्यापित एवं घोषित किया गया है। यह सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 15093 ग्रामों को सत्यापित एवं घोषित किया जाएगा।
मिथिलेश ठाकुर (Mithilesh Thakur) ने बताया कि 15 अगस्त, 2019 में जब जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ तो राज्य में एफएचटीसी का आच्छादन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग पांच प्रतिशत घरों तक था जो आज बढ़कर 40 प्रतिशत के करीब है। हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) द्वारा इस अवधि में 35 प्रतिशत नये परिवारों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए उन्हें मेकेनिक, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन आदि कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। अबतक लगभग पांच हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और इस वर्ष के अंत तक कुल 18 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त कुल 28 अदद जल जांच प्रयोगशाला बनाये गए हैं, जिनमें से 24 जिला मुख्यालयों में अवस्थित है। अबतक इन प्रयोगशालाओं में लगभग 58 हजार जल नमूनों की जांच की गई है। इसके अतिरिक्त सभी 29595 ग्रामों के जल सहियाओं को प्रत्येक वर्ष फिल्ड टेस्ट किट (एफटीके) उपलब्ध कराया जाता है।
मंत्री ने कहा कि हम सभी को भूगर्भीय जल स्तर को बनाए रखने के लिये जल संरक्षण एवं ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग के तकनीक का उपयोग करना होगा। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सभी गांवों को ओडीएफ प्लस बनाने का कार्य किया जा रहा है। संपूर्ण स्वच्छता के लिए आवश्यकतानुसार शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सहित राज्य सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।