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Ranchi। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह दे रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। यह राशि महिला किसानों को गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, शूकर पालन और फूलों की खेती जैसी गतिविधियों से अपनी आय बढ़ाने में सहायक होगी।
वे शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), रांची में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला-2025 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड की 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और कृषि उनके जीवनयापन का मुख्य साधन है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय राज्य में किसानों के उत्थान के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर कई छात्र देश और दुनिया में आज किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड पठारी क्षेत्र में बसा हुआ राज्य है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार एक बेहतर समन्वय बनाते हुए किसानों को बेहतर दिशा देने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ-साथ कृषि-खेती कार्य को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है। कभी-कभी बदलते मौसम के कारण किसान वर्ग हतोत्साहित होते जाते हैं, तकनीक के माध्यम से ही उन्हें इन समस्याओं से बचाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में खेती करने योग्य जमीन की कमी है, राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब कई जगहों पर पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचा रही है। राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक विकास के लिए बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार को साथ चलकर कार्य करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक बेहतर और मजबूत कार्य योजना बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों में किसान पाठशाला स्थापित की जाएगी, जहां किसान भाई बंधु खेती की आधुनिक तकनीक, पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि झारखंड के किसान वर्गों के लोगों को एक लाख से अधिक कुआं निर्माण योजना का लाभ मिलेगा। नदी तालाब तथा कुआं सिंचाई के पारंपरिक साधन है। बोरिंग कभी-कभी फेल भी हो जाता है, इसलिए राज्य सरकार के जरिये कुआं निर्माण योजना लाई जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की एवं अन्य अतिथियों ने बिरसा कृषि मार्गदर्शीका-2025 पुस्तक का विमोचन किया । मौके पर मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने एग्रोटेक किसान मेला में लगे स्टॉल का परिभ्रमण कर उद्देश्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण हॉल एवं वन औषधि द्रव्य प्रदर्शनी दीर्घा का शिलान्यास किया।
मौके पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ० सुनील चंद्र दुबे, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ० सुजय रक्षित, निदेशक, प्रसार शिक्षा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ० जगरनाथ उरांव सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।