Shimla। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक दशक बाद छात्र संघ चुनाव बहाल हो सकते हैं। इसके संकेत स्वयं मुख्यमंत्री ने दिए हैं। प्रदेश विश्वविद्यालय में वर्ष 2014 से लेकर प्रत्यक्ष चनाव से केंद्रीय छात्र परिषद के गठन पर रोक लगी है। हिंसा की घटनाओं का हवाला देकर चुनाव बंद करवाए गए थे। छात्र संगठन कई सालों से चुनाव बहाली की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने शनिवार को प्रदेश विश्वविद्यालय मे एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव बहाली के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश विश्वविद्यालय में एससीए चुनाव करवाने की संभावनाएं तलाशेगी क्योंकि ये चुनाव विद्यार्थियों को समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पूर्व विद्यार्थियों (डेकाडल चौप्टर ऑफ 90) के दो दिवसीय ‘मैत्री’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही उन्हें बाहरी राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों की संस्कृृति को समझने का अवसर भी मिला। उन्होंने कहा कि अनुभव से परिपक्वता और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रहकर ही राजनीतिक संघर्ष सीखा है। विश्वविद्यालय में बिताए लम्हों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी कई अविस्मरणीय स्मृतियों को भी साझा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को लोभ और मोह से बचना चाहिए और समाज की निस्वार्थ सेवा करने की भावना आत्मसात करनी चाहिए। सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार शिक्षा में सुधार के लिए भी कई अहम कदम उठा रही है। पहली कक्षा से ही सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम पढ़ाई शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों से भी जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में बदलाव लाने जा रही है, ताकि नई तकनीक पर आधारित नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित कर प्रदेश को देश का सबसे सम्पन्न राज्य बनाना चाहती है। प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और वर्तमान सरकार वर्ष 2032 तक राज्य को सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व छात्र एसोसिएशन के भवन के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की।
उना के विधायक व प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी इस दौरान मौजूद रहे।