Patna। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव सहायता के लिये तत्पर रहती है। कृषि कार्य से जुड़े हुए लोगों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें। धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखें। धान अधिप्राप्ति का कार्य तेजी से और बेहतर ढंग से करें ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
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बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ एन सरवन कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एवं धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एक नवंबर से 15 फरवरी, 2025 तक रखा गया है। चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है और इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गई है।
बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने भी धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में आज से धान अधिप्राप्ति शुरू कर दिया गया है जबकि बाकी बचे जिलों में 15 नवम्बर से धान अधिप्राप्ति का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।
बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।