Chnadigarh। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के अमृत सरोवर मिशन (Amrit Sarovar Mission) को फलीभूत करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers’ Day) के अवसर पर वर्ष 2022 को सोनीपत जिला के नाहरा गांव के गंगेश्वर तालाब से राज्य के 111 तालाबों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की शुरुआत की थी। इसी श्रृंखला में 24 जनवरी को मुख्यमंत्री फतेहाबाद जिला के डुल्ट गांव से प्रदेश के 60 और अमृत सरोवर तालाबों के सौंदर्यीकरण का लोकार्पण करेंगे। इनमें भिवानी के 3, चरखी दादरी के 6, झज्जर के 6, नूंह के 7, फतेहाबाद के 31, हिसार के 4, कैथल, पलवल व पंचकूला के एक-एक अमृत सरोवर शामिल हैं।
जल संरक्षण की दृष्टि से प्रधानमंत्री द्वारा अमृत सरोवर मिशन नाम से एक नई पहल की शुरुआत की गई। इस मिशन का उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों का विकास और कायाकल्प करना है।
हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 हजार 748 तालाब और शहरी क्षेत्रों में 901 तालाब हैं। प्रधानमंत्री के मिशन के अनुसार हरियाणा के 22 जिलों में 1650 तालाबों को अमृत सरोवर मिशन के तहत लक्षित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इसे देखते हुए सबसे पहले हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है, जो निरंतर इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
योजना का असर धरातल पर भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को अपनाने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ वित्तीय अनुदान देने की भी योजना लागू की है। इसके अलावा डीएसआर (सीधी बिजाई) तकनीक से बिजाई करने वाले किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान दिया जाता है।
मनरेगा के तहत अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत तालाबों की खुदाई होती है और ग्रामीणों को काम दिया जाता है। यह योजना ग्रामीणों को काम दिलाने में भी कारगर साबित हुई है। पूर्व में प्रदेश में 1207 ग्रामीण तालाबों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया जा चुका है। योजना के तहत प्रदेश के 22 जिलों के 1650 तालाबों को विकसित करना था, लेकिन हरियाणा में 2078 तालाबों का कायाकल्प किया जा चुका है।
मिशन के तहत तालाबों को अमृत, अमृत प्लस व अमृत प्लस-प्लस तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। दूसरे चरण में पौधरोपण, पगडंडी बनाना, गाद निकलना, तारबंदी, बैंच, सोलर लाइट, पशुघाट से संबंधित निर्माण कार्य किए जाते हैं। तीसरे चरण में अमृत प्लस-प्लस योजना के तहत 110 तालाबों में अतिरिक्त स्ततः गतिविधियां संचालित की गई हैं।