Dehradun: मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बताया कि 28 नवंबर से 01 दिसम्बर तक देहरादून में 6वां विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन होगा। इसमें उत्तराखंड और अन्य हिमालयी क्षेत्रों की आपदा और चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिंतन को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm Pushkar Singh Dhami) ने आज सचिवालय, देहरादून स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया कर्मियों से बातचीत में बताया कि 6वां वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन, देहरादून में 28 नवंबर से एक दिसम्बर तक होगा। इस आपदा सम्मेलन के ब्रांड एम्बेसडर पद्म विभूषण अमिताभ बच्चन होंगे। इसमें देश और दुनिया भर के विशेषज्ञों के बीच मंथन होगा। साथ ही उत्तराखंड और अन्य हिमालयी क्षेत्रों की आपदा और चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिंतन और प्रयासों को गति मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने अमिताभ बच्चन के वीडियो संदेश का भी प्रसारण किया। इस आपदा सम्मेलन में चार मुख्य कार्यक्रम के अलावा 50 तकनीकी सत्र होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 6वां यह विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, डी.एम.आई.सी.एस. हैदराबाद, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू कॉस्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
सचिवालय, देहरादून स्थित मीडिया सेंटर में छठे वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता की। 28 नवंबर से 01 दिसंबर 2023 तक देहरादून में होने वाले इस सम्मलेन में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश एवं दुनिया भर के विशेषज्ञों के बीच मंथन होगा।
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 3, 2023
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ ही विश्व के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ, देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश और दुनिया भर के विशेषज्ञों के बीच मंथन होगा।
उन्होंने बताया कि 6वें विश्व आपदा सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना और उनका समाधान करना है। इसके अतिरिक्त सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखंड को आपदा प्रतिरोधकता और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूली समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना है।
उन्होंने बताया कि वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन से आपदा प्रबन्धन की गंभीरता व विशेष रूप से उत्तराखंड राज्य और हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिन्तन व प्रयासों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिर्वतन और आपदा प्रतिरोध्यता अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं और वर्तमान समय में भारतवर्ष एवं विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में इनके महत्व को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि 08-09 दिसम्बर को राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन से ठीक पहले आयोजित आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखंड राज्य में “सुरक्षित निवेश, सुदृढ़ उत्तराखंड” का संदेश देश-विदेश में प्रसारित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनामी संतुलन बनाकर राज्य में विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में आपदा प्रबन्धन के विशेष सत्रों का आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और राज्य में स्थित केन्द्रीय संस्थानों, जैसे- वाडिया, हिमालयी भू-विज्ञान, आई.आई.पी., आई.आई.आर.एस. जल संरक्षण आदि में किया जायेगा। पूर्वोत्तर राज्य सहित देश भर के संस्थानों में भी आपदा प्रबन्धन पर पूर्व कार्यक्रम आयोजित किये जाने प्रस्तावित हैं। आपदा प्रबन्धन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के मार्गदर्शन में भारत द्वारा जी-20 की सफल अध्यक्षता की गयी और नवम्बर माह इस वार्षिक अध्यक्षता का अन्तिम चरण है। इस जी-20 सम्मेलन में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डी.आर.आर.) को एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस दृष्टि से नवम्बर माह के अंत में देहरादून में आयोजित होने वाला 6वां विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि छठे विश्व आपदा सम्मेलन के उद्घाटन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह एवं आपदा प्रबन्धन मंत्री अमित शाह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित के लिए अनुरोध किया जाएगा।
इस दौरान सचिव आपदा रंजीत सिन्हा, महानिदेशक यूकोस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं अन्य लोग उपस्थित थे।