रामगढ़: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन रामगढ़ के नेमरा गांव में अपने चाचा जगदीश सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। मुख्यमंत्री अपने पूरे परिवार के साथ गांव पहुंचे और चाचा के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की कामना की।
मुख्यमंत्री न केवल श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हुए बल्कि अंतिम यात्रा और अन्त्येष्टि संस्कार की पूरी प्रक्रिया में भी सम्मिलित रहे। उन्होंने पैतृक गांव नेमरा पहुंचकर अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन किया और शोक संतप्त परिवार के साथ समय बिताया।
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दिवंगत जगदीश सोरेन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के चाचा और दिशोम गुरु, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन के चचेरे भाई थे। उनका निधन 17 मई 2025 को हुआ। निधन की खबर सुनकर पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी।
श्री जगदीश सोरेन अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। वे एक सरल, शांत स्वभाव और सामाजिक भावना से परिपूर्ण व्यक्ति थे। ग्रामीणों के अनुसार, वे नेमरा गांव में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे और हमेशा लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने चाचा की मृत्यु को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि “चाचा जी मेरे लिए पिता तुल्य थे। उनका मार्गदर्शन और स्नेह हमेशा मेरे साथ रहा। उनके जाने से जो रिक्तता बनी है, उसे कोई भर नहीं सकता।” उन्होंने आगे कहा कि परिवार की यह क्षति पूरे गांव और समाज की क्षति है।
अन्त्येष्टि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, राजनीतिक प्रतिनिधि, अधिकारी और गांववासी उपस्थित थे। अंतिम यात्रा के दौरान पूरे गांव में भावुक माहौल बना रहा। पारिवारिक सदस्यों और ग्रामीणों की आंखों में अश्रु थे और वातावरण पूरी तरह शोकमग्न था।
झारखंड सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। गांव के बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री के पारिवारिक जुड़ाव और उनकी सादगी की सराहना की।