Ranchi: पेयजल की समस्या से निदान के लिए राज्य की 4351 ग्राम पंचायतों में 10-10 चापाकल लगाये जायेंगे। स्थानीय विधायकों की अनुशंसा पर प्रत्येक पंचायत में पांच-पांच चापाकल लगाया जायेगा। इस तरह राज्य में कुल 43510 चपाकल लगेंगे। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लग गयी है। इस योजना में कुल चार अरब, 63 करोड़, 62 लाख, 54 हजार 626 रुपये व्यय होगा। इस योजना से लोगों को पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी।
जानकारी देते हुए झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर (Minister Mithilesh Kumar Thakur) ने कहा कि राज्य में कहीं भी पेयजल की समस्या नहीं होने दी जायेगी। झारखंड सरकार राज्य की जनता को पेयजलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दृढ़संकल्पित है। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में चापाकलों पर निर्भरता 66 प्रतिशत एवं पाइप जलापूर्ति पर मात्र 34 प्रतिशत है। वर्ष 2024 तक राज्य के सभी 61.19 लाख घरों को नल से जल उपलब्ध कराना है। परंतु राज्य की भौगोलिक संरचना एवं दो वर्ष करोना काल के कारण पाइप जलापूर्ति योजना के पूर्ण होने में हो रहे विलंब को देखते हुए तत्काल राज्य के कुल 4351 पंचायतों में कुल 43510 अदद चापाकल लगाने का निर्णय लिया गया है।
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मंत्री ने कहा कि गिरते भू-गर्भ जल स्तर को देखते हुए अब 70, 90 एवं 120 मीटर गहरा चापाकल लगाने का प्रावधान किया गया है। जो क्षेत्रों के जल स्तर के आधार पर निर्धारित होगा। इसके अतिरिक्त 60 मीटर गहरा जीपीटी (बजरी पैक ट्यूबवेल) का भी प्रावधान किया गया है। इसमें वैसे क्षेत्रों में चापाकल लगाने की प्राथमिकता दी जायेगी जहां इसकी वास्तविक आवश्यकता है। स्थल का जियो टैगिंग किया जायेगा।
मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण गर्मी के मौसम में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलस्तर औसत से नीचे चले जाने के कारण आमजनों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके निदान के लिए पूर्व से अधिष्ठापित चापाकलों एवं अन्य श्रोतों की मरम्मति आदि कराकर पेयजलापूर्ति की व्यवस्था की जाती है, जो पर्याप्त नहीं हो पाता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 तक प्रति पंचायत पांच अदद चापाकलों के अधिष्ठापन का कार्य किया गया है। परिस्थिति के अनुसार अब और नये चापाकल लगाने की आवश्यकता है। इस कारण अब सभी पंचायतों में 10-10 चापाकल लगाया जायेगा।