खूंटी। तोरपा के के लोकप्रिय शिक्षक मुस्कु बड़ाईक की मंगलवार की रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क किनारे गिराई गई रेत और निर्माण सामग्री के अलावा दुकानों और घरों से निकलने वाले कूड़े-कचरे आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहे हैं और इसी का शिकार हो गए शिक्षक मुस्कु बड़ाईक।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि सड़क किनारे कूड़े-कचरे नहीं होते, तो मुस्कु बड़ाईक न अंसतुलित होकर गिरते और न ही ट्रक की चपेट में आने से असमय उनकी मौत होती। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया जाता। इसी का नतीजा है कि तोरपा में आए दिन सड़क दुर्घटना में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी चार नवंबर 2022 को निर्णय सिंधु बेहरा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। तोरपा प्रखंड के शहरी इलाके सड़क किनारे अतिक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पुलिस या प्रखंड प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। रात के समय चौड़ी दिखने वाली सड़क सुबह संकरी हो जाती है।
अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करेगा प्रशासन: बीडी
तोरपा के शहरी इलाके में अतिक्रमण के संबंध में पूछे जाने पर तोरपा के प्रखंड विकास पदाधिकारी दयानंद कारजी ने कहा कि सड़क का अतिक्रमण कर निर्माण सामग्री रखना गलत है। इस संबंध में लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा कि वे निर्माण सामग्रेी न रखें और सड़क के किनारे दुकानों का सामान न रखें। उन्होंने कहा कि प्रखंड प्रशासन तोरपा में जल्द ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाएगा।
अतिक्रमण हटाना जरूरी: उप मुखिया
तोरपा के उप मुखिया राजू साहू ने कहा कि सड़क का अतिक्रमण और निर्माण सामग्री को जमा करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और बेंतरतीब ठोकर के कारण तोरपा में दुर्घटनाएं हो रही हैं। उप मुखिया ने कहा कि उन्होंने कहा कि असंतुलित होकर गिरने से दो शिक्षकों की मौत हो चुकी है, जबकि तपकारा निवासी श्रवण टोंपनो की पत्नी दुर्घटना का शिकार हो गई और उसके दोनों पैरों को काटना पड़ा। उन्होंने पुलिस और प्रखंड प्रशासन से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।