गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत बनाने की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश ‘विकसित उतर प्रदेश विजन 2047’ पर काम कर रहा है। इसमें सरकार द्वारा निर्धारित 12 सेक्टर्स में से किसी भी क्षेत्र में अपने सुझाव देकर राज्य का हर व्यक्ति यूपी को विकसित बनाने में योजक की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि हर व्यक्ति सरकार द्वारा जारी ‘विकसित उतर प्रदेश विजन 2047’ के क्यूआर कोड को मोबाइल में स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दे।
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सीएम योगी रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर एमजीयूजी के ऑडिटोरियम में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2047’ पर आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पूर्व और वर्तमान दशा का विस्तार से उल्लेख किया और भावी दशा के लिए एक रोडमैप सबके सामने रखा। सीएम ने कहा कि आजादी मिलने के बाद 1947 के देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत था। इसके बाद इसमें लगातार गिरावट आती गई। 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें सुधार आना शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 तक उत्तर प्रदेश की जीडीपी 12 लाख 36 हजार करोड़ रुपये थी। इस वर्ष के अंत तक सरकार इसे 36 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने जा रही है। यानी नौ सालों में तीन गुणा वृद्धि। इसी तरह राज्य में प्रति व्यक्ति आय भी नौ सालों में 45000 रुपये से बढ़कर 1 लाख 20000 रुपये पर पहुंच रही है। आज प्रदेश में हरेक सेक्टर में विकास देखने को मिल रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ ‘अमृत महोत्सव’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए जो पंच प्रण दिए हैं, हम सभी को उसके साथ आगे बढ़ना होगा। हमें उन पंच प्रणों, गुलामी की मानसिकता को सर्वथा समाप्त करना, विरासत का सम्मान करना, सेना, अर्धसेना और यूनिफॉर्मधारी जवानों का सम्मान व उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना, जाति, क्षेत्र या किसी भी तरह के वाद से मुक्त होकर समतामूलक समाज के लिए एकता के सूत्र में बंधना और नागरिक कर्तव्यों का पालन करना अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा।
विकसित भारत के लिए यूपी ने उठाई आवाज
मुख्यमंत्री ने पितृ विसर्जन के पावन पर्व पर आजादी दिलाने वाले देश के पूर्वजों को याद करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वालों का सपना था कि भारत दुनिया की एक ताकत बने। पितृ विसर्जन पर विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के संकल्प के लिए आयोजित यह कार्यशाला पूर्वजों के प्रति सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि पीएम के आह्वान के तीन साल बाद जब किसी और जगह से आवाज नहीं आई तो विकसित भारत के लिए आवाज उठाने की शुरुआत यूपी ने की। बताया कि अगस्त माह में विकसित उत्तर प्रदेश के लिए एक विजन बनाने को विधानसभा और विधान परिषद में लगातार 24 घण्टे चर्चा हुई। इस चर्चा ने उस धारणा को बदल दिया है जिसमें कहा जाता था कि विधायिका में काम नहीं होता है। और, उस चर्चा के बाद अब आमजन से सुझाव लेकर कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेशभर में इस तरह की चर्चा के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने हेतु यूपी में तीन सौ से अधिक बुद्धिजीवियों जिसमें सेवानिवृत्त आईएएस, कुलपति, शिक्षक, चिकित्सकों, उद्यमियों की सहभागिता है, को प्रदेश के सभी जिलो में भेजा जा रहा है। ये बुद्धिजीवी प्रदेश के विभिन्न अकादमिक संस्थाओं में जाकर विकसित उत्तर प्रदेश के विजन पर छात्रों व अन्य लोगों से चर्चा कर रहे है। अब तक प्रदेश के 110 से अधिक अकादमिक संस्थाओं में भ्रमण कर ये बुद्धजीवी छात्रों से, जनता से संवाद कर चुके हैं। ये अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के बहुमूल्य विचारों को भी आमंत्रित कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार कभी मरता नहीं है। यदि विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का विचार सामने आया है तो मूर्त रूप अवश्य लेगा। इसी विश्वास के साथ आज हम सब आगे बढ़ रहे हैं।
पीएम मोदी द्वारा दिए संकल्पों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए पंच प्रण के साथ 9 संकल्प की भी बात की थी। ये संकल्प बहुत छोटे हैं और हमारी दिनचर्या के हिस्से के रूप में भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के लिए संकल्प की बात की है। एक संकल्प पर्यावरण संरक्षण है जिसमें एक पेड़ मां के नाम पर लगाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने तीसरा संकल्प स्वच्छता का दिया। स्वच्छता न होने के कारण ही पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस बीमारी फैलती थी। आज यह क्षेत्र गंदगी मुक्त हुआ तो यहां इंसेफेलाइटिस भी समाप्त हुआ। बताया कि 1977 से 2017 तक 50 हजार बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस से हुई थी। 2017 के बाद सरकार के प्रयासों के बाद इसे समाप्त करने में सफलता पाई गयी। आज इंसेफेलाइटिस से कोई मौत नही होती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता का संकल्प हमें दिया है। इसके लिए हमें स्वदेशी मॉडल को अपनाना होगा। समय व मांग के अनुरूप हमें उसके मॉडल में परिवर्तन करना होगा। हमें वोकल फार लोकल की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
भारत में आध्यात्मिक पर्यटन के सभी केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांचवें संकल्प के रूप में प्रधानमंत्री ने देश दर्शन का दिया है। हमारे यहां 4 धाम, 51 शक्ति पीठ, 12 ज्योर्तिलिंग आदि आध्यात्मिक पर्यटन के सभी केंद्र हैं। हेरिटेज टूरिज्म की दृष्टि से भी भारत सम्पन्न है। भारत ने आक्रान्ताओं के खिलाफ एक लम्बी लड़ाई लड़ी है। टूरिज्म के लिए हम विदेश क्यों जाएं, जब हमारे पास इतना वैभवपूर्ण टूरिज्म क्षेत्र है। इससे हमारा पैसा भी अपने देश में खर्च होगा। पीएम के संकल्पों को याद दिलाते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। रासायनिक उर्वरको से कैंसर जैसे अनेक रोग होते हैं। मधुमेह के रोगियों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है। प्राकृतिक खेती लागत को भी कम करने के साथ स्वस्थ भोजन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करती है। इसी क्रम में हमें एक स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए। हमें योग और खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। नौंवे संकल्प के रूप में प्रधानमंत्री ने किसी नेशनल मिशन के रूप में जोड़ने का आह्वान किया था। यह मिशन गरीबी उन्मूलन, दिव्यांग सहायता, महिला सहायता के रूप में हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि 9 संकल्पों को हम अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं तो विकसित भारत की एक आधारशिला तैयार कर लेंगे।
राम भारत के राष्ट्रीय चरित्र के परिचायक
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया में हर देश का अपना एक राष्ट्रीय चरित्र होता है। भारत में यह राष्ट्रीय चरित्र भारत का अध्यात्म है। भारत के प्रत्येक नागरिक में किसी न किसी रूप में आध्यात्मिक भाव होता है। हर देश अपने चरित्र के अनुरूप अपनी भूमिका तैयार करता है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भगवान राम के रूप को हमारे देश के आध्यात्मिक चरित्र को दिखाया गया है। रामायण में सामाजिक जीवन, राष्ट्रीय जीवन, पारिवारिक जीवन, प्राकृतिक जीवों से जुड़े सभी मूल्य समाहित हैं। महर्षि बाल्मिकी की यह कृति युगों-युगों से सामाजिक मार्गदर्शन कर रही है। रामायण के माध्यम से भगवान राम का जो चरित्र दिखाया है, वह राष्ट्रीय चरित्र के रूप में आज भी प्रासंगिक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विकसित हो सकता है। इसके लिए हमें उत्तर प्रदेश को विकसित करना होगा। यूपी को विकसित करने के साथ ही गोरखपुर को विकसित करना होगा। प्रदेश के हर नगर, कस्बे और गांव को विकसित करने के लिए कार्य करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की तुलना करें तो भारत विकसित था, आगे भी भारत विकसित बनेगा।
दुनिया का सातवां भूभाग भारत के पास
सीएम ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से वृहत्तर भारत जिसमें पाकिस्तान, बाग्लादेश भी था, दुनिया का सातवां सबसे बड़ा भूभाग था। इसका विस्तार 42.41 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में था। वर्तमान भारत भी सातवें स्थान पर 32 करोड़ 87 लाख हेक्टेयर में विस्तृत है। बताया कि रूस के पास 1 अरब 70 करोड़ 80 लाख हेक्टेयर भूभाग है, चीन के पास 96 करोड़ हेक्टेयर भूभाग है, अमेरिका के पास 93 करोड़ 7 लाख, कनाडा के पास 92 करोड़ 20 लाख, ब्राजील के पास 85 करोड़ 10 लाख और ऑस्ट्रेलिया के पास 78 करोड़ 60 लाख हेक्टेयर भूभाग है।
दुनिया में सर्वाधिक उर्वरा भूमि भारत के पास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के भारत में 60 फीसदी से अधिक भूभाग उर्वरा है, जबकि अन्य बड़े देशों में उनके कुल भूभाग का लगभग 20 प्रतिशत भाग ही कृषि योग्य है। भारत के पास 16 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि है। रूस के पास 12 करोड़ हेक्टेयर एवं चीन के पास 12 करोड़ हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। अन्य देशों के पास भी भारत से कम कृषि योग्य भूमि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसति देशो के पास जो भी कृषि भूमि है, उसमें उन्होंने तकनीक का उपयोग करके लागत कम करने में तथा उत्पादन बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।
सुदृढ़ हुई यूपी में हर तरह की कनेक्टिविटी
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में हर तरह की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। 2017 तक यूपी में डेढ एक्सप्रेसवे थे। आज 8 एक्सप्रेसवें संचालित है और 6 पर कार्य चल रहा है। 7 नये एक्सप्रेसवे का डीपीआर बनाया जा रहा है। रोड कनेक्टिविटी आज बहुत उत्तम हो चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की तुलना में आज उत्तर प्रदेश की सड़कें काफी बेहतर हैं। देश के एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी में यूपी का 60 प्रतिशत योगदान है। अर्न्तराज्यीय कनेक्टिविटी के रूप में आज प्रदेश में फोरलेन तथा सिक्सलेन की सड़को का संजाल है। तहसील व जिला मुख्यालय को टू-लेन व फोरलेन कनेक्टिविटी से जोड़ दिया गया है। आज प्रदेश के 6 शहरों में मेट्रोरेल का संचालन हो रहा है। देश की पहली रैपिड रेल मेरठी से दिल्ली चल रही है। देश में इनलैण्ड वाटरवे भी उत्तम हो चुका है। आज यूपी में 16 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर नोयडा में इस वर्ष के अंत तक संचालित हो जायेगा। यात्रा के साथ लाजिस्टिक एवं कार्गो के क्षमता के संबंध भी यह एयरपोर्ट एक हब बनेगा। आज देश की कुल इलेक्ट्रानिक कम्पोनेंट तथा मोबाइल के निर्माण में उत्तर प्रदेश का योगदान 60 से 65 फीसदी है।
विकसित उत्तर प्रदेश के लिए बना रहे विजन डॉक्यूमेंट
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सारे कार्य 8 वर्ष के अन्दर किये गये हैं इसी सफलता के बाद यह सुनिश्चित हुआ कि यूपी एक विकसित प्रदेश बन सकता है। इस पर कार्य योजना बनाने हेतु हमारे पास एक विजन डाक्यूमेंट होना चाहिए। उसमें जनता का सुझाव भी शामिल होना चाहिए। तीन थीम तथा 12 सेक्टर से जुड़े सुझाव सभी सेक्टर से जुड़े लोगों की तरफ से आने चाहिए। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पशुधन संरक्षण,औद्योगिक विकास, आईटी एवं इमर्जिंग टेक्नोलॉजी,पर्यटन एवं संस्कृति, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र और सुरक्षा एवं सुशासन आदि क्षेत्र में लोग सुझाव देकर विकसित उत्तर प्रदेश की यात्रा के साझीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पहले उन्नत तकनीक नही थी, आज सभी के पास मोबाइल है। सरकार सभी छात्रों को लगातार स्मार्टफोन व टैबलेट का वितरण कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर क्षेत्र में अलग-अलग सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को भी विजन डाक्यूमेन्ट में सुझाव के रूप में समाहित करना है। हर क्षेत्र सें हमें सुझावों को समाहित करना है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में माडर्न मेडिसिन व ट्रेडिशनल मेडिसिन, फाॅर्मेसी व नर्सिंग आदि में सभी में व्यापक सम्भावनाएं छिपी हैं। इन संभावनाओं को उजागर कर 5 वर्ष या 10 वर्ष के छोटे छोटे लक्ष्य को हमें विजन डाक्यूमेन्ट में समाहित करना है।
2047 तक यूपी को बनाएंगे 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 2029-30 तक अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य बनाया है। उसके बाद हमारा लक्ष्य 29 से 35 तक 3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य होगा। इसके बाद 2046-47 तक उ0प्र0 का लक्ष्य 6 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का होगा। हम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं। हमारे विजन डाक्यूमेन्ट का यह हिस्सा है कि युवाओ, किसानो, शिक्षको, चिकित्सको से प्राप्त बहुमूल्य सुझावों को समाहित करे और उसके अनुसार लक्ष्य बनाये। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 12 सेक्टर जो चिन्हित किये गये है उन्हें समाहित संभावनाओं को हमें आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि नगरीयकरण तेजी से बढ़ने वाली प्रक्रिया है। ये अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करती है। लोगों के जीवन स्तर को सुगम बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हस सेक्टर में और क्या संभावनाएं है इस पर हमें क्या कार्य करना है। इमर्जिंग टेक्नोलाजी के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं हैं। आज सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक नई प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है। सेमीकंडक्टर की एक यूनिट लगाने में लगभग 1 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत पड़ती है। आज डिजिटल क्षेत्र में सेमीकंडक्टर के बिना कोई आगे नही बढ़ सकता है। सेमीकंडक्टर पर जिसका कब्जा होगा उसका पूरा बाजार पर कब्जा होगा। इसमें रोजगार की असीम संभावनाएं है। इस क्षेत्र में भारत के पास बेहतरीन अवसर है। यूपी के पास इसमें बड़ा अवसर है।
सीएम योगी के नेतृत्व में रोल मॉडल बनकर उभरा यूपी : कुलपति
स्वागत संबोधन में एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित भारत के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश लगातार तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सुरक्षा, सुशासन, विकास और निवेश के साथ जन कल्याण के क्षेत्र में पूरे देश के सामने रोल मॉडल बनकर उभरा है।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह, प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं वर्तमान में प्रदेश सरकार के फार्मा सलाहकार डॉ. जीएन सिंह, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी, मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार, एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संजय माहेश्वरी, गुरु गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव सहित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारी, सदस्य, परिषद की संस्थाओं के संस्थाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी, प्रबुद्धजन, अन्य संस्थाओं के शिक्षक, चिकित्सक, अधिवक्ता, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, उद्योगपति आदि मौजूद रहे।