Domchanch| प्रखंड के लोग नई सरकार के गठन और विधानसभा सत्र के शुरू होने के बाद उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद इस बार केशो जलाशय का काम शुरू हो जाए। विधायक डॉ. नीरा यादव ने पूर्व में विधानसभा में केशो जलाशय का मामला उठाया था। बता दें कि डोमचांच प्रखंड अंतर्गत कुंडीधनवार में केशो जलाशय 40 साल से लंबित पड़ा है। इसका उद्धार कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
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संयुक्त बिहार में हजारों हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन झारखंड बनने के 24 साल बाद भी यह परियोजना अधूरी है। 1984 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने इलाके के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पचखेरो जलाशय और केशो जलाशय योजना का शिलान्यास किया था। पचखेरो जलाशय का कार्य 2015 में पूर्ण हो चुका है, जबकि केशो जलाशय परियोजना फाइलों में ही सिमटी है।
रांची की विजेता कंपनी ने दोबारा काम शुरू किया था, लेकिन योजना में बढ़ते भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद मंत्रीमंडल निगरानी की तकनीकी समिति से जांच कराई गई थी। जांच में साढ़े 12 करोड़ की अनियमितता सामने आई थी। इसके बाद ठेकेदार कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन के खिलाफ 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच रिपोर्ट में तकनीकी समिति ने कहा था कि कंपनी ने बिना कार्य कराए ही भुगतान ले लिया। इस मामले में 13 अभियंता दोषी पाए गए थे।
अब तक जलाशय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी पर एसीबी की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बाद केशो जलाशय परियोजना का काम बंद पड़ा है।