RANCHI। झारखंड के कई जिलों में तेजी से कंजंक्टिवाइटिस फैल रहा रहा है। कई जिलों से इन दिनों इसके मामले लगातार आते ही जा रहे हैं। यह आंखों की बीमारी है, जिसे आई फ्लू इंफेक्शन भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है और इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह तेजी से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के आंखों को देखने यानी आई कॉन्टैक्ट पर स्वास्थ्य व्यक्ति के आंखों में आंसू आने लगता है।
इस बीमारी से अधिकतर बच्चों संक्रमित हो रहे हैं। रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और सदर अस्पताल में इस बीमारी से संक्रमित मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिदिन करीब 40 से 45 मरीज आई फ्लू इंफेक्शन से पीड़ित होकर अस्पताल के आई ओपीडी पहुंच रहे हैं। रिम्स के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में 121 मरीज अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पहुंचे हैं। इन मरीजों में करीब 27 लोग वायरल कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित थे।
राजधानी रांची के रिम्स निदेशक सह नेत्र रोग विभाग के एचओडी ने बताया कि आई फ्लू इंफेक्शन आंखों की एक वायरल बीमारी है यह अमूमन बरसात के मौसम में लोगों को अपनी चपेट में लेता है। पहले इस संक्रमण के मामले काफी कम आते थे लेकिन इस साल संक्रमण के आंकड़ों में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले कुल रोगियों में 20 से 25 प्रतिशत मामले केवल आई फ्लू इंफेक्शन के ही आ रहे हैं।
इधर, राज्य में लगातार फैल रहे इस संक्रमण को लेकर स्कूल प्रबंधन भी सहमे हुए हैं। आई फ्लू इंफेक्शन को लेकर कई स्कूलों ने नोटिस भी जारी कर दी है। नोटिस में कहा गया है कि यदि किसी बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस या फिर आंखों से जुड़े किसी भी तरह का कोई इंफेक्शन हुआ है तो उस बच्चे को जबतक वह पूरी तरह से संक्रमण से ठीक ना हो जाए स्कूल ना भेजें। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के परिजनों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यह इंफेक्शन स्कूल में न फैले, इसलिए इस तरह के एहतियातन पहल की जा रही है।
लक्षण
आंख लाल होने, जलन या खुजली होने
आई फ्लू इंफेक्शन से बचाव के उपाय
– हाथों की थोड़े-थोड़े समय पर सफाई करें।
-आंखों को बार-बार छुआ ना करें, नाक और मुंह को छूने से बचें।
-आसपास सफाई का ध्यान रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
-आंखों को हर दो घंटे में साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं।
-इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति से आई कांटेक्ट या उनके आंखों को देखने से बचें।
-पीड़ित व्यक्ति के किसी भी तरह के कपड़े, तौलिए या बेड का प्रयोग ना करें।
-मोबाइल और टीवी से दूरी बनाकर रखें और यदि आप किसी काम से घर से बाहर निकल रहे हैं तो काला चश्मा पहन कर ही बाहर निकलें।