लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का भ्रमण किया और यूपीडा व निर्माण में जुटी एजेंसियों को उच्च गुणवत्ता के साथ समयसीमा में एक्सप्रेसवे को तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे पर ग्रुप-1 और ग्रुप-2 के तहत हो रहे निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष जताया, जबकि ग्रुप-3 और ग्रुप-4 के तहत चल रहे निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं एक्सप्रेसवे पर कार से यात्रा (राइड) की और क्वालिटी पर खुशी जताई। वहीं उन्होंने पहली बार एक्सप्रेसवे में उपयोग में लाई जा रही जर्मन तकनीक को भी विस्तार से समझा। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने कार्य कर रहे श्रमिकों से भी मुलाकात की और उनके साथ फोटो शूट भी कराया।
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने तीन जनपदों में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति को देखा। सबसे पहले वह हरदोई के बिलग्राम तहसील स्थित ग्रुप-3 के 347+000 चैनेज पर गए, जबकि यहां से वह शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित बदायूं-हरदोई ग्रुप-2 पर 242 +650 चैनेज का भी भ्रमण किया। अंत में वह हापुड के गढ़मुक्तेश्वर तहसील के तहत मेरठ-बदायूं ग्रुप-1 पर स्थित 62+200 चैनेज पहुंचे और प्रगति का जायजा लिया।
रोड क्वालिटी और कम्फर्ट के विषय में ली जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले हरदोई जनपद के मल्लावां व माधोगंज विकास खण्ड में गंगा एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने हसनपुर गोपाल के पास एक्सप्रेसवे के हेलीपैड पर उतरने के बाद कुछ दूर पैदल चलकर एक्सप्रेसवे को देखा। उन्होंने कार से करीब 5 किलोमीटर की दूरी भी तय की। वहीं, उन्हें रोड क्वालिटी और रोड कम्फर्ट के लिए ज्यूरिख यूनिवर्सिटी द्वारा उन्नत टेक्नोलॉजी से भी अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने खुशी जताई। इस दौरान उन्होंने यूपीडा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे के इस ग्रुप को समय सीमा के अंतर्गत गुणवत्ता के साथ पूरा कराएं।
एयरस्ट्रिप का भी किया हवाई सर्वे
इसके बाद मुख्यमंत्री जलालाबाद, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को देखने पहुंचे। यहां उन्होंने हवाई सर्वे के माध्यम से कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने 3.5 किमी. लंबी एयरस्ट्रिप का एरियल सर्वे भी किया। इस एयरस्ट्रिप पर 2 और 3 मई को एयरशो का आयोजन किया जाना है। अभी तक किसी भी एयरस्ट्रिप पर नाइटलैंडिंग नहीं की गई है। गंगा एक्सप्रेसवे पर पहली बार मुख्यमंत्री जी की मौजूदगी में नाइट लैंडिंग कराए जाने की योजना है।
श्रमिकों से की मुलाकात, कराया फोटोशूट
इसके बाद मुख्यमंत्री हापुड़ में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हापुड़ में गंगा पर बने ब्रिज को भी देखा, इस ब्रिज पर उन्होंने चहलकदमी भी की। मजदूरों के साथ फोटो सेशन कराया। उनका हाल जाना और 18 महीने में पुल बनाने के लिए उनकी और आईआरबी के स्टाफ की प्रशंसा की। यहां उन्हें परियोजना निदेशक ने गंगा एक्सप्रेसवे के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। मुख्यमंत्री जी ने कार्य की भरपूर प्रशंसा की और समयसीमा के अंतर्गत निर्माण पूर्ण कराने के लिए निर्देशित दिया। इस अवसर पर तीनों स्थानों पर मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी संवाद किया और उन्हें गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों पर ब्रीफ करते हुए निगरानी के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री जी के साथ जनपद के जनप्रतिनिधिगढ़ के साथ ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और यूपीडा के अधिकारीगण मौजूद रहे।
594 किमी. लंबा है गंगा एक्सप्रेसवे
यूपीडा के एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे 4 ग्रुप्स में बन रहा है। तीन ग्रुप (2,3,4) को अडानी बना रहा है और एक ग्रुप को आईआरबी कंपनी द्वारा पीपीपी मॉडल पर बनाया जा रहा है। रायबरेली-प्रयागराज की ओर बने ग्रुप-4 को छोड़कर मुख्यमंत्री जी ने बाकी तीनों ग्रुप्स का भ्रमण किया और प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को आपस में जोड़ते हुए मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबा है। एक्सप्रेसवे का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में किया था। इसकी शुरुआत मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से होगी और समापन प्रयागराज बाईपास (एनएच-19) पर जुडापुर दांदू गांव पर होगी।
कृषि, पर्यटन, व्यापार और निवेश के मिलेंगे नए अवसर
यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बल देगा, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को भी राज्य की मुख्यधारा से जोड़ेगा। कृषि, व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए अवसर इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से पैदा होंगे। यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जा रही है, जो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि काम गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा हो।
गंगा एक्सप्रेसवे की खासियत
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 6 लेन में किया जा रहा है, जिसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन में विस्तारित किया जा सकता है। इसके राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) की चौड़ाई 120 मीटर है, जबकि डिजाइन स्पीड 120 किमी. प्रति घंटा है। यह एक्सप्रेसवे 4 ग्रुप्स में बंटा हुआ है और प्रत्येक ग्रुप में 3 पैकेज हैं। इसके तहत 9 जनसुविधा परिसरों का भी निर्माण हो रहा है, जहां यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वहीं, 2 मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ एवं प्रयागराज) के साथ 19 रैंप टोल प्लाजा (4 नए सम्मिलित) शामिल हैं। गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर और रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लंबाई का दीर्घ सेतु भी प्रस्तावित है। यही नहीं, शाहजहांपुर (तहसील जलालाबाद) के पास 3.5 किमी. की हवाई पट्टी का भी निर्माण प्रस्तावित है। इस एक्सप्रेसवे से कुल 12 शहर जुड़ेंगे, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज हैं। कुल 518 गांव एक्सप्रेसवे से आच्छादित हो रहे हैं। 7453.15 हेक्टेयर भूमि पर निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है।