West Singhbhum। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि बेहतर शिक्षा से बेहतर समाज और राज्य बनता है। शिक्षा एक ऐसा जरिया है, जो आपके भविष्य की दिशा तय करता है। व्यक्ति के समग्र विकास के लिए अच्छी शिक्षा अति आवश्यक है। यही वजह है कि हमारी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है। मुख्यमंत्री शनिवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव और हाटगम्हरिया में डिग्री कॉलेज एवं विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास तथा लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
अब छात्र गांव में ही कॉलेज की कर सकेंगे पढ़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आपको कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आपके गांव या आसपास में डिग्री कॉलेज खोला जा रहा है, जहां आप अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। इसके लिए अब आपको शहरों का रुख नहीं करना होगा। ग्रामीण इलाकों में बच्चों को प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक की बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
प्राथमिक विद्यालय से ही बच्चों को मिलेगी मातृभाषा में शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास करी है। इस कड़ी में अब प्राथमिक विद्यालयों से कुड़ुख, हो, मुंडारी और संथाली जैसी जैसी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति करने के निर्देश दे दिए गए हैं। हमारी सरकार जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित करने के साथ उसे अलग पहचान देने की दिशा में काम कर रही है।
शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई है। यहां के शिक्षण संस्थानों को जरूरी संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। गरीब बच्चों को अपने ही गांव -घर में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तथा मॉडल स्कूल खोले गए हैं। आर्थिक तंगी की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए छात्रवृत्ति की राशि में तीन गुना इजाफा किया गया है।
सोरेन ने कहा कि छात्राओं को सावित्रीबाई किशोरी सावित्री योजना से जोड़ा जा रहा है। गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए विद्यार्थियों को मेडिकल इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज करने के लिए 15 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण दिया जा रहा है। मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। यहां के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप राज्य सरकार दे रही है।
आदिवासियों-मूलवासियों की अस्मिता बचाए रखने को सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय भाषा-संस्कृति परंपरा, जल-जंगल जमीन, सामाजिक-धार्मिक स्थलों और आदिवासियों-मूलवासियों की अस्मिता बचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार इसके साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देगी। ये हमारी धरोहर है। इसे देश- दुनिया में अलग पहचान दिलाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपकी सरकार है। आपके दुःख-दर्द को भली-भांति समझते हैं । ऐसे में आपकी उम्मीद और जरूरत के अनुरूप योजनाएं बनाकर उसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा रहे हैं।
सोरेन ने कहा कि लोगों के रोटी-कपड़ा और मकान जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। राज्य के ग्रामीण इलाकों में 15 हजार किलोमीटर सड़कों का जाल बिछ रहा है। खेतों में भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। आज हर परिवार में पेंशन पहुंच रहा है। 30 लाख परिवारों को 125 यूनिट बिजली का लाभ मिल रहा है। 20 लाख गरीबों को अबुआ आवास के तहत तीन कमरे का पक्का मकान दे रहे हैं। ऐसी और अनेकों योजनाएं हैं, जो आपको सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है।
विकास को दे रहे नया आयाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद 19 वर्षों तक यहां के विकास की किसी को चिंता नहीं रही। यहां के खनिज संसाधनों का दोहन होता रहा। आदिवासी- मूलवासी के हितों की अनदेखी होती रही लेकिन वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद हेमन्त बाबू ने अपने कुशल नेतृत्व से राज्य के विकास को नई दिशा दी। आज हमारी सरकार उसी रास्ते आगे बढ़कर विकास को एक नया आयाम दे रही है।
162 योजनाओं की मिली सौगात
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 02 अरब, 31 करोड़, 19 लाख 58 हजार 673 रुपये की लागत से 135 योजनाओं का शिलान्यास किया जबकि 01 अरब 07 करोड 23 लाख 24 हजार 186 रुपये की 27 योजनाओं का उद्घाटन संपन्न हुआ। साथ ही लाभुकों के बीच 01 अरब 72 करोड़ 80 लाख 70 हजार 533 रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण हुआ।