रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को मंत्रालय सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण और मेधा सम्मान समारोह में राज्य के नवनियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों, सहायक आचार्यों और प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) और सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में अव्वल रहे छात्र-छात्राओं के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा संचालित आकांक्षा कोचिंग के सफल विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा है कि झारखंड को शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और इसके मिल रहे सकारात्मक परिणाम शिक्षा व्यवस्था को और उत्कृष्ट बनाने के लिए हमें प्रेरित कर रहे हैं। हमारी कोशिश शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े, इसमें राज्य के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सामूहिक प्रयासों से ही झारखंड एक अग्रणी और मजबूत राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस दिशा में पहले से ही कई योजनाएं चल रही हैं और आने वाले दिनों में कई और कदम उठाए जाएंगे। हमारी कोशिश शिक्षा व्यवस्था को समग्र रूप से उत्कृष्ट बनाना है, ताकि विद्यालयों को संसाधनयुक्त बनाने के साथ वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा मिल सके।
नेतरहाट की तर्ज पर खुलेंगे तीन और विद्यालय
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नेतरहाट आवासीय विद्यालय को को-एजुकेशन करने की घोषणा की। अब इस विद्यालय में लड़कियों का भी नामांकन होगा। उन्होंने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर तीन और विद्यालय खोले जाएंगे। नेतरहाट आवासीय विद्यालय अब सीबीएसई से संबद्ध है और यहां विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। इसके पीछे सरकार की यही कोशिश है कि सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे किसी भी मामले में निजी विद्यालयों के छात्रों से से पीछे नहीं रहें।
मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में नामांकन की होड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जमाना प्रतियोगिता का है। लेकिन, इसमें किसी न किसी कमी या समस्या की वजह से सरकारी विद्यालय पीछे रह जाते थे। लेकिन, हमारी सरकार अब सरकारी विद्यालय को बेहतर करने का कार्य कर रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं। यहां बच्चों को निजी विद्यालयों की तरह शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में नामांकन के लिए होड़ मची है। कई निजी विद्यालय के बच्चे अब इन विद्यालयों में नामांकन करा रहे हैं , जो इस बात का प्रमाण है कि सरकारी विद्यालय अब किसी भी मामले में निजी विद्यालयों से काम नहीं हैं।
विद्यार्थियों को विभिन्न माध्यमों से कर रहे प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने कहा कि विद्यार्थियों को विभिन्न माध्यम से प्रोत्साहित करने का काम हमारी सरकार कर रही है। इस कड़ी में बोर्ड के सभी अव्वल रहने वाले (टॉपर्स) विद्यार्थियों को सम्मान राशि के साथ लैपटॉप और मोबाइल फोन दे रहे हैं, ताकि वे और भी बेहतर तरीके से आगे की पढ़ाई कर सकें।
बोर्ड के विद्यार्थियों को समय पर मिलेगी सम्मान राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न बोर्ड के टॉपर्स को रिजल्ट प्रकाशन के तुरंत बाद सम्मान राशि उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए नामांकन में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े। विद्यार्थियों को मिलने वाली सम्मान राशि का समय पर सदुपयोग हो, इसके लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षकों को मिला नियुक्ति पत्र, मेधावी विद्यार्थी हुए सम्मानित
मुख्यमंत्री ने समारोह के दौरान में 33 नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों, 909 सहायक आचार्यों (गणित और विज्ञान) और 33 प्रयोगशाला सहायकों में से कुछ को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने जैक, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के 10वीं तथा 12वीं के टॉपर्स को तीन लाख रुपये की सम्मान राशि के साथ लैपटॉप और स्मार्टफोन दिया गया। जैक बोर्ड के टॉपर्स को स्कूटी भी मिली। इसके अलावा सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के 10वीं और 12वीं के टॉपर्स को लैपटॉप और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
10वीं की बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाले विद्यालय भी सम्मानित हुए और राज्य सरकार की ओर से संचालित आकांक्षा कोचिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही विद्यालय प्रमाणीकरण योजना अंतर्गत सवर्ण श्रेणी में सफल विद्यालयों को सम्मानित किया गया।
सम्मान एवं नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में राज्य सरकार के मंत्री राधाकृष्ण किशोर, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह और राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन मौजूद थे।