रांची। झारखंड सरकार ने छठ महापर्व को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। कोविड-19 को लेकर पूरे राज्य के नदियों, तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों के तट पर आयोजित होने वाली छठ पूजा के अवसर पर संगीत कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है।
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने नये दिशा निर्देशों जारी की हैं। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 से 21 नवम्बर तक छठ पूजा निर्धारित है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है और छठ पर्व में सभी लोग बड़ी संख्या में आसपास की नदी, तालाब एवं अन्य जल स्रोतों पर एकत्रित होते हैं। जल में सूर्योदय तथा सूर्यास्त पर स्नान करते हैं। इससे लोगों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका रहेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि पानी के माध्यम से संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए राज्य में अब तक स्वीमिंग पूल नहीं खोले गये है। छठ में लोगों को निश्चित समय पर ही जल स्रोतों में स्नान करना होता है। भीड़ को स्नान करने के लिए नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा करने और इसके आयोजन और सजावट आदि पर रोक लगाने का फैसला किया है।
मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि नदियों अथवा जल स्रोतों के आसपास दूकान, स्टाल लगाने, बिजली के बल्बों से सजावट करने और सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। इतना ही नहीं छठ के अवसर पर संगीत और मनोरंजन के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी पूर्ण रोक रहेगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी दीपावली और काली पूजा को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी किए गए थे।
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