वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) में ’छात्र शैक्षणिक केंद्र’ की स्थापना के लिए पुरा छात्र माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया स्थित जूनिपर नेटवर्क के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सी.टी.ओ.) डॉ राज यावतकर ने बड़ी पहल की है। संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 1980 बैच के पुरा छात्र डॉ राज यावतकर ने आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन को 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान दिया है। मंगलवार को यह जानकारी संस्थान के अधिष्ठाता, रिसोर्स एवं अल्युमनी प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि ’छात्र शैक्षणिक केंद्र’ संस्थान के छात्रों को एक सतत विकास इकोसिस्टम उपलब्ध कराएगा। आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन, एक यूएस बेस्ड ऑल वॉलंटियर, आईआईटी (बीएचयू) के पूर्व छात्रों का एक गैर-लाभकारी संस्था है।
प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. राज यावतकर ने आईआईटी-बीएचयू से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इसके बाद आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर विज्ञान में एम.टेक और पर्ड्यू विश्वविद्यालय, यूनाइटेड स्टेट्स से कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वह आईईईई के सदस्य हैं और नेटवर्किंग उद्योग में एक अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके पास 50 से अधिक पेटेंट हैं और पांच इंटरनेट स्टैंडर्ड्स के सह-लेखक हैं। डॉ. यावतकर ने अकादमिक पत्रिकाओं और सम्मेलनों में 40 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं और जॉन विली द्वारा प्रकाशित पुस्तक इनसाइड द इंटरनेट रिसोर्स रिज़र्वेशन प्रोटोकॉल (आरएसवीपी) के सह-लेखक हैं। वर्तमान में, डॉ राज यावतकर जुनिपर नेटवर्क्स में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी हैं, जो नेटवर्किंग सिस्टम और सेवाओं के लिए एक अग्रणी वेंडर है। वे जुनिपर नेटवर्क्स में एंटरप्राइज़, डेटा सेंटर और मोबाइल नेटवर्क सेगमेंट में विस्तार के साथ कंपनी को विकास पथ पर लाने के लिए कॉर्पाेरेट कार्यनीति और प्रौद्योगिकी नवाचार का नेतृत्व करते हैं। वे एक सलाहकार के रूप में भी काम करते हैं और कई स्टार्टअप्स में प्रारंभिक निवेशक हैं।
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आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने भी इस उदार दान के लिए आभार व्यक्त किया। आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने कहा, इससे हमारे छात्रों को सर्वाेत्तम सुविधाएं प्रदान करने वाला अत्याधुनिक छात्र शैक्षणिक केंद्र संभव हो जाएगा और यह भविष्य के प्रौद्योगिकीविद् को तैयार करने में बहुत मदद करेगा। इस अवसर पर डॉ. राज यावतकर ने कहा कि आईआईटी (बीएचयू) ने मुझे न केवल एक उत्कृष्ट इंजीनियरिंग पथ पर आगे बढ़ाया बल्कि कम उम्र में परिसर में आने वाले किसी व्यक्ति के लिए यह अनुभव वास्तव में परिवर्तनकारी था। संस्थान ने मुझे नेतृत्व, संचार और जोखिम लेने जैसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद की। उन्होंने आगे कहा कि मैं छात्र शैक्षणिक केंद्र के निर्माण का सहयोग करने के लिए अति उत्साहित हूं जो छात्रों को नवीन अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही उन्हें अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने और सहयोग पर केंद्रित एक सुदृढ़ संगठन बनाने के अवसर भी प्रदान करेगा।
आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन के बारे में
आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी को यूएस बेस्ड ऑल वॉलंटियर, 501 (सी) 3 नॉन-प्रॉफिट फाउंडेशन अगले 100 वर्षों में एक ट्रेंडसेटिंग लीडर के रूप में स्थापित करने एवं संस्थान के लक्ष्यों को हमारे पूर्व छात्रों और दानदाता नेटवर्क की मदद के साथ उनके योगदान के माध्यम से एक साथ प्राप्त करने का प्रयास करता है। पूंजी प्रवाह को बढ़ाने, आवंटित करने और प्रबंधित करने के उद्देश्य से, फाउंडेशन आईआईटी (बीएचयू) और आईआईटी (बीएचयू) ग्लोबल एलुमनी एसोसिएशन के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने का काम करता है।