Chandigarh: हरियाणा सरकार ने “नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023” (No Litigation Policy-2023) की अधिसूचना जारी कर दी है। इस पॉलिसी में मानेसर तहसील के भूस्वामियों के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की है। इस पॉलिसी को 7 जुलाई को हरियाणा मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी थी। आईएमटी मानेसर का एक्सपेंशन करने के लिए कुछ लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया।
एचएसआईआईडीसी (HSIIDC) के प्रबंध निदेशक यश गर्ग ने बुधवार को बताया कि भूस्वामियों की स्वैच्छिक भागीदारी के लिए “नो लिटिगेशन पॉलिसी -2023” बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी का उद्देश्य गुरुग्राम जिला के मानेसर तहसील के गांव कासन, कुकरोला और शेरावां गांव के उन भूमि मालिकों को लाभ प्रदान करना है, जिनका नाम 16 अगस्त 2022 को अवॉर्ड नंबर 1 , 2 तथा 3 अनाउंस हुआ था। उन्होंने बताया कि 10 जनवरी 2011 को “लैंड एक्विजिशन एक्ट 1894” के सेक्शन-4 के तहत उक्त अवॉर्ड बारे अधिसूचना जारी की गई थी। इस बारे में स्वयं से उन्होंने अंडरटेकिंग भी दी थी, जो पॉलिसी में वर्णित है। इसके अलावा यह इस शर्त के अधीन होगा कि भूस्वामी अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे, 16 अगस्त 2022 को घोषित अवॉर्ड के अनुसार दिए गए मुआवजे को स्वीकार करेंगे और इन अवॉर्ड्स में घोषित मुआवजे की राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे और अधिग्रहण की भूमि के संबंध में किसी भी न्यायालय में किये गए वे सभी केस वापस ले लेंगे।
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गर्ग ने बताया कि जो भूमि मालिक एक अंडरटेकिंग देंगे वही कम्पेन्जेशन-अवॉर्ड के अतिरिक्त लाभ के हकदार होंगे। प्रत्येक भू-स्वामी, जिनकी भूमि गांव कासन, कुकरोला और शेरावां राजस्व सम्पदा में अधिग्रहित की गई है, जो अधिग्रहण या मुआवजे के लिए मुकदमा नहीं करने का वचन देते हैं तो वे अधिग्रहित प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1000 वर्ग मीटर के अनुपात में आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित करने के विकल्प का प्रयोग करने के पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि इन विकसित आवासीय या औद्योगिक भूखंडों के भूमि मालिकों को आवंटन की दर, जैसा भी मामला हो, भूखंड की विशेष श्रेणी (आवासीय या औद्योगिक) के लिए नोडल एजेंसी एचएसआईआईडीसी द्वारा पहले फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। उन्होंने बताया कि विकसित आवासीय या औद्योगिक भूखंडों का आवंटन, जैसा भी मामला हो, केवल मानक आकार के भूखंडों के गुणकों में होगा। विकसित आवासीय भूखंडों का मानक आकार 100 वर्ग मीटर और 150 वर्ग मीटर है और विकसित औद्योगिक भूखंडों के लिए 450 वर्गमीटर है।