Chandigarh: हरियाणा सरकार ने हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)- 2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन कर राज्य में स्थित सभी एमएसएमई (MSME) की निर्यातक इकाइयों के लिए संशोधित माल ढुलाई सहायता योजना की अधिसूचना जारी कर दी है।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने बुधवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की दी है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक बाजार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह, एयर कार्गो, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
निर्माण स्थल से बंदरगाह या एयर कार्गो या सड़क मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के एक प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता, जो भी कम हो, जेडईडी प्रमाणन के स्तर के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी। थ्रस्ट सेक्टर के लिए ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 25 लाख रुपये और थ्रस्ट सेक्टर ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिए, ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपये तथा ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।
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नई संशोधन नीति में विनिर्माण स्थल से बंदरगाह, एयर कार्गो, सड़क मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक ढुलाई के लिए जेडईडी गोल्ड सर्टिफाइड इकाइयों के लिए शत प्रतिशत सब्सिडी, जेडईडी सिल्वर सर्टिफाइड इकाइयों के लिए 75 प्रतिशत और जेडईडी कांस्य सर्टिफाइड इकाइयों के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत में से सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, 33 प्रतिशत सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।
योजना की लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 है। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में दस्तावेज विभाग की वेबसाइट पर वित्त वर्ष की समाप्ति से 6 महीने पहले तक अपलोड किये जा सकते हैं। यह प्रोत्साहन देने के लिए महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, हरियाणा सक्षम प्राधिकारी होंगे। अधिसूचना अनुसार यदि कोई आवेदक गलत तथ्यों के आधार पर उक्त लाभ लेता पाया जाता है तो उससे 12 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर के साथ प्रोत्साहन राशि रिफंड करनी होगी और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।