रांची: झारखंड हाई कोर्ट(High Court) ने जिमखाना क्लब की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल को लेकर एकल पीठ के आदेश के खिलाफ यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कैप्टन सुष्मिता बनर्जी की अपील (एलपीए) पर फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कैप्टन सुष्मिता बनर्जी की अपील को स्वीकृत कर लिया। साथ ही एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने पूर्व में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद मामला में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मामले में न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता सेना के अधिकारियों की याचिका को 5 अप्रैल 2023 को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कैप्टन सुष्मिता बनर्जी ने खंडपीठ में अपील दायर की थी। हाई कोर्ट की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान सेना के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जिमखाना की जमीन पर जो मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रही है वह सेना की जमीन के बगल में है।
नियम के अनुसार सुरक्षा की दृष्टिकोण से सेना की जमीन से 50 मीटर की दूरी पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य होना चाहिए था। वहीं प्रतिवादियों की ओर से कहा गया था कि सेना की ओर से जिस गाइडलाइन का हवाला दिया जा रहा है वह वर्ष 2022 की है, जो इसमें अप्लाई नहीं होता है। वर्ष 2016 की गाइडलाइन इसमें अप्लाई होती है, जिसमें कहा गया है कि सेना की जमीन से 10 मीटर की दूरी पर किसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य हो सकता है। जो बिल्डिंग का निर्माण कार्य हो रहा है वह सेना की जमीन से 45 मीटर से ज्यादा दूरी पर है।