Ranchi। झारखंड हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित 40 आरोपितों के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़क कार्रवाई पर रोक बरकरार रखी है।
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राजधानी में 23 अगस्त, 2024 को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरहाबादी मैदान में रैली के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम, संजय सेठ, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश, पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत 40 आरोपितों की ओर से लालपुर थाना में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई।
मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। कोर्ट ने प्रार्थियों को सरकार के प्रतिशपथ पत्र का प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। तब तक हाई कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी सहित 40 आरोपितों के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखी है।
कोर्ट में जिनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है, इनमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम एवं संजय सेठ, पूर्व विधायक अमर कुमार बाउरी, सांसद दुल्लू महतो, विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता, भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव, शशांक राज, सत्येंद्र नाथ तिवारी, मंगल मूर्ति तिवारी, अर्पना सेनगुप्ता, अमित कुमार, अमरदीप यादव, नीरा यादव, आरती कुजूर, वरुण कुमार, इंदु शेखर मिश्रा, राज्यसभा सदस्य प्रदीप कुमार वर्मा, आदित्य प्रसाद, सांसद विद्युत वरण महतो, रांची विधायक सीपी सिंह, भाजपा विधायक नवीन जायसवाल, संजीव विजयवर्गीय, कुणाल यादव, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, नारायण दास, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय, केदार हाजरा, रमेश कुमार सिंह, पुष्पा देवी सहित अन्य हैं। मामले में लालपुर थाना में इनके खिलाफ कांड संख्या 203/2024 दर्ज किया गया है। इनमें 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात आरोपित हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली में कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए ‘अन्याय’ और चुनावी वादों को पूरा करने में ‘विफलता’ के खिलाफ विरोधी रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे। पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। साथ ही रबर की गोलियां चलाईं। दोनों पक्षों ने दावा किया कि हाथापाई में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 को लागू किया था। इस प्रदर्शन के बाद मोरहाबादी मैदान के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई थी।