रांची। झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के रूप में एक रूम को नोटिफाइड किए जाने को चुनौती देने वाली अजय कुमार मोदी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में झारखंड विधानसभा की ओर से दायर शपथ पत्र कोर्ट के रिकॉर्ड में नहीं आ सका था, जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिर से जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 22 जून को निर्धारित की है।
विधानसभा के शपथ पत्र में बताया गया है कि विधानसभा में सात विधायकों की सर्वदलीय कमेटी बनाई गई है, जो विधानसभा में नमाज कक्ष के बारे में 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगी। विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की।
पिछली सुनवाई में उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा से नमाज कक्ष को लेकर एक रिपोर्ट मंगाई गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कानूनी पक्ष को देखते हुए इस संबंध में कमेटी अपना रिपोर्ट देगी। यह देखा जा रहा है कि देश के किन- किन राज्यों के विधानसभा में नमाज कक्ष की व्यवस्था है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित करने का यह मामला साल 2021 का है। झारखंड विधानसभा में सत्र शुरू होते ही कमरा नंबर टीडब्ल्यू-348 आवंटित किया गया। इससे संबंधित आदेश दो सितंबर 2021 को जारी किया गया था। आदेश की कॉपी में विधानसभा के उपसचिव नवीन कुमार का हस्ताक्षर भी है। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो के निर्देश पर विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पत्र के बाद विपक्षी दलों के इसका विरोध शुरू कर दिया था। विशेष रूप से भाजपा ने कड़ा विरोध किया था।