खूंटी। छोटानागपुर की पुरानी रियासत जरियागढ़ में निकलने वाली रथयात्रा का इतिहास दो सौ साल से भी पुराना है। भले ही राजप्रथा को समाप्त हुए कई दशक गुजर गये हों लेकिन कोरोना संकट के दो वर्षों को छोड़ दें, तो जरियागढ़ की रथायात्रा कभी नहीं रुकी।
लाल विजय नाथ शाहदेव के मुताबिक, जरियागढ़ राजपरिवार में रथयात्रा की शुरुआत जरियागढ़ के तत्कालीन स्टेट मैनेजर मंझीलाल योगेंद्र नाथ शाहदेव ने ठाकुर देवेंद्र नाथ शाहदेव के नाम पर की थी। देवेंद्र नाथ के नाम पर रथ का नामकरण किया गया। देवेंद्र नाथ शाहदेव के चार पुत्र थे। सबसे बड़े ठाकुर महेंद्र नाथ शाहदेव, दूसरे वीरेंद्र नाथ शाहदेव, तीसरे जितेंद्र नाथ शाहदेव और, चौथे पुत्र थे नागेंद्र नाथ शाहदेव।
देवेंद्र नाथ शाहदेव के निधन के बाद बड़े पुत्र होने के नाते ठाकुर महेंद्र नाथ शाहदेव जरियागढ़ के राजा बने। बाद में ठाकुर महेंद्र नाथ शाहदेव के नाम से एक और रथ निकाला जाने लगा, जो 29 जनवरी, 1983 को ठाकुर महेंद्र नाथ शाहदेव के निधन के बाद बंद हो गया। अब जरियागढ़ में राज परिवार के सभी सदस्यों द्वारा मिलकर एक ही रथ निकाला जाता है। जरियागढ़ के कंसारी समाज द्वारा भी अलग से एक रथयात्रा निकाली जाती है, जो गढ़ प्रांगण तक आती है।
विजय नाथ शाहदेव ने कहा कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीय के दिन गढ़ से खाली रथ को मदन मोहन गुड़ी तक राज परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों द्वारा ले जाया जाता है। वहां भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के विग्रहों को पूजा-अर्चना के बाद विधि विधान से रथारूढ़ किया जाता है और रथ को खींचकर गढ़ परिसर स्थित मौसी बाड़ी तक लाया जाता है। नौ दिनों तक मौसीबाड़ी में रहने के बाद घुरती रथ यानी आषढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सभी विग्रहों को फिर से रथारूढ़ कर मदन मोहन गुड़ी तक ले जाया जाता है।
रथ यात्रा के दिन जरियागढ़ में लगने वाले में हजारों की भीेड़ जुटती है। लोग रथ की रस्सी खींचने और रथ से फेंके जानेवाले प्रसाद को छाता या कपड़े में लपकने के लिए लालायित रहते हैं। मान्यता है कि रथ की रस्सी खींचने से काफी पुण्य मिलता है। जरियागढ़ के अलावा तोरपा, तपकारा, झपरा, कर्रा, सिलाफारी के अलावा खूंटी में सीआरपीएफ 94 बटालियन द्वारा भी रथयात्रा निकाली जाती है।
इस वर्ष धूमधाम से निकाली जायेगी रथयात्रा: गुणेंद्र शाहदेव
रथयात्रा की चर्चा करते हुए राजपरिवार समिति के अध्यक्ष लाल गुणेंद्र नाथ शाहदेव ने कहा कि इस वर्ष 20 जून को राजपरिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर धूमधाम से रथयात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि राजपरिवार द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।