पटना। राज्य में अब 85 बड़े पुलों की उम्र बढ़ेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक पहल की। पुलों के सुरक्षा ऑडिट और ब्रिज इंफॉर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम के विकास के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड और आईआईटी दिल्ली और आईआईटी पटना के बीच मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।

यह भी पढ़े : बिहार के सभी पंचायतों में बनेगा विवाह भवन, कैबिनेट ने दी मंजूरी
इससे संबंधित कार्यक्रम बिहार राज्य पथ विकास निगम के सभागार में आयोजित हुआ था।
इस मामले में पथ निर्माण मंत्री नीतिन नवीन ने बताया कि इस साझेदारी से हम पुलों की स्थिति का आकलन, पुल संरचना में गंभीर कमियों की पहचान, लक्षित रखरखाव और मरम्मत रणनीति विकसित करना समेत अन्य अहम कार्यों पर साथ में काम कर सकेंगे। यह समझौता ज्ञापन पुलों के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे राज्य के आर सामाजिक विकास के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है।
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि राज्य में कुल 3968 पुल हैं, जिनमें 532 को वृहद श्रेणी में रखा गया है। पहले चरण में इनमें से 85 पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। यह कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है। ऑडिट की प्रक्रिया से राज्य में बने पुलों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और उनकी मरम्मत कर उन्हें पूर्ण उपयोग के योग्य बनाया जा सकेगा। आईआईटी पटना और आईआईटी दिल्ली की ओर से सालभर में 85 पुलों का हेल्थ रिपोर्ट दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत स्थित पथों पर 250 मीटर से अधिक लंबाई वाले 85 महत्वपूर्ण पुलों की स्वतंत्र तृतीय पक्षीय ब्रिज सेफ्टी ऑडिट कराए जाने की स्वीकृति दी गई है, जिसके लिए 17 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति पथ निर्माण विभाग द्वारा प्रदान की गई है। आईआईटी पटना को 45 पुलों के ऑडिट का कार्य सौंपा गया है। वहीं, आईआईटी दिल्ली को 40 पुलों का सेफ्टी ऑडिट सौंपा गया है।
मंत्री नवीन ने बताया कि बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं संधारण नीति-2025 के तहत सभी पुलों/पुलियों का नियमित संधारण किया जाएगा। इस नीति के लागू होने से सतत् संधारण से मरम्मत्ति के खर्च में काफी कमी आएगी एवं पुलों/पुलियों की स्थिति अच्छी बनी रहेगी।


