स्वदेश संवाददाता
चरही । 18वीं लोकसभा चुनाव खत्म होते ही चरही, चुरचू व आंगो थाना क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी का कारोबार फिर से गुलजार हो गया। थाना क्षेत्र में विभिन्न जगहों से दर्जनों मोटरसाइकिल,पिकअप और सैंकड़ों ट्रैक्टर के माध्यम से रात के अंधेरे में अवैध कोयले को मंडियों और अवैध डीपो तक पहुंचाकर करोड़ो रुपये कमाये जा रहे है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए कोयला तस्करों ने विभिन्न समूहों से मोटी रकम में सौदा कर रखा है। चरही क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी सुर्खियां न बने इसके लिए कोयला तस्करों के साथ एक होटल में डेढ़ लाख प्रति माह के हिसाब से सौदा भी हुआ है। जबकि आंगो और चुरचू थाना क्षेत्र के लिए बात चीत जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में अवैध कोयला तस्करी का केंद्र चरही थाना क्षेत्र के चनारो और चुरचू थाना क्षेत्र का करगी नामक जगह केंद्र बना हुआ है। जहां से हजारों टन अवैध कोयला मंडियों में खपाने का काम किया जा रहा है। रात के अंधेरे का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर भंडारण कर दर्जनों ट्रकों से कोयले को यूपी, बिहार की मंडियों तक पहुंचाया जा रहा है।राज्य के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने के सख्त निर्देश दे रखे है। परंतु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इससे उनके विभागों को शायद ही कोई मतलब हो। स्थानीय और जिला पुलिस की खामोशी सरकार के जल,जंगल और जमीन बचाने और कानून व्यवस्था को बनाये रखने के संकल्प को पलीता लगा रहा है। वही वन विभाग का शिकंजा इस बार ढीला पड़ गया है। पिछले वर्ष रामगढ़ डीएफओ ने कार्यवाई कर कोयला माफियाओं का कमर तोड़ कर रख दिया था परंतु इस बार वो भी खामोश है। अवैध कोयला तस्करी की खबर सरकारी सिस्टम को न होना या हरी झण्डी मिलना इस बात की चर्चा क्षेत्र में खूब हो रही है।राज्य सरकार का जल,जंगल और जमीन बचाने का दावा और इधर माफियाओं के द्वारा खनिज संपदा की लूट आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता के भावनाओं को बदल सकता है।
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