चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को स्पैशलिस्ट डॉक्टरों के सेवाकाल की आयु सीमा 60 साल से बढ़ा कर 65 साल कर दी है। अब स्पैशलिस्ट डॉक्टर अपनी सेवा मुक्ति के बाद भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में अपनी सेवाएं निभा सकेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में स्पैशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने स्पैशिलस्ट डॉक्टरों की आयु सीमा बढ़ाने का फ़ैसला लिया है जिससे लम्बे समय तक वह विभाग में अपनी सेवाएं दे सकें।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए स्वास्थ्य एक प्राथमिक क्षेत्र है और इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रशासनिक विभाग द्वारा 384 खाली पड़े पदों पर रेगुलर भर्ती करने तक गायनोकोलोजिस्ट, सर्जन, ऑरथोपैडिशिअनज़, रेडीओलोजिस्ट, ऐनेस्थीटिस्टस आदि को कंसलटेंट के तौर पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि शुरू में हरेक कंसलटेंट को एक साल के समय के लिए ठेका आधार पर नियुक्त किया जायेगा जिसमें उनकी कारगुज़ारी के आधार पर साल -दर -साल विस्तार किया जायेगा।
उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि इन कंसलटैंटों को दिया जाने वाला वेतन उनके सेवाकाल के आखिरी वेतन में से पैंशन की रकम घटा कर बचती रकम से ज़्यादा नहीं होगी। उन्होंने बताया कि एक साल के लिए कंसलटैंटों की नियुक्ति के लिए अधिक से अधिक आयु 64 साल होगी और कंसलटेंट की आयु 65 साल की होने पर किसी भी हालात में उसकी सेवा को बरकरार नहीं रखा जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि डायरैक्टर हैल्थ सर्विसिज़ द्वारा चयन प्रक्रिया सम्बन्धी मापदंड तैयार किये जाएंगे और स्टेशनों समेत पदों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग की सरकारी वैबसाईट पर दी जायेगी।