बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि के सह आचार्य डॉ. निर्मल सिंह दैया ने कहा कि भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है, भारत में दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुऐं भी कोमल कलात्मक रूप से गढी जाती है। मेले के आयोजनों से भारतीय हस्तशिल्पकारों की रचनात्मक को नया रूप प्रदान करने लगे हैं। वे यहां जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रमेश तांबिया की मौजूदगी में ग्रामीण हाट में सात दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी -2023 का शुभारंभ मौके पर सम्बोधित कर रहे थे। दैया ने सभी दस्तकार द्वारा लगाई स्टाॅलों का भ्रमण कर उन्हें आगे प्रोत्साहन हेतु उनके उत्पादन में नवीनीकरण के बारे में बताया। इस दौरान डाॅ दैया ने बताया कि भारत का प्रत्येक क्षेत्र अपने विशिष्ठ हस्तशिल्प को गौरवान्वित करता है। इन मेलों से कच्चा माल से विपणन की प्राेसेसिंग के बारे में भी उन्होंने नवीन डिजाईन का निर्माण एवं उसके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की।
केन्द्र सरकार के कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदर्शनी में किरण वीएन, सहायक निदेशक, कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प, जोधपुर एवं प्रवीण गुप्ता, पूर्व प्रशसनिक अधिकारी, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, बीकानेर भी मौजूद थे। प्रदर्शनी में 25 स्टाॅल हस्त निर्मित उत्पादों की लागाई गई एवं अन्य घरेलु उपयोग के लिए 25 स्टाॅल लगाई गयी है।