नई दिल्ली : भारत पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग का हब बनकर उभरा है। अधिकतर बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां देश में बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रही हैं। अब टाटा ग्रुप भारत में आईफोन बनायेगा। टाटा ग्रुप के साथ विस्ट्रॉन फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील को मंजूरी मिल गयी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि टाटा ग्रुप ढाई साल के अंदर डोमेस्टिक और ग्लोबल मार्केट के लिए भारत में एप्पल आईफोन बनाना शुरू कर देगा। सरकार टाटा ग्रुप व दूसरी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को ग्लोबल ब्रैंड्स के साथ साझेदारी की कोशिश में सपोर्ट करेगी।
राजीव चंद्रशेखर ने एक पोस्ट में बताया कि आईटी मंत्रालय पूरी तरह से ग्लोबल इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के सपोर्ट में है और उन ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक ब्रैंड्स को भी सपोर्ट है जो भारत को ट्रस्टेड मैन्युफैक्चरिंग और टैलेंट पार्टनर बनाना चाहते हैं। यह पीएम मोदी के भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स पावर बनाने का लक्ष्य है।
बता दें कि इस डील को ताइवान की विस्ट्रॉन कॉर्प फैक्ट्री के अधिग्रहण के बाद फाइनल किया गया। विस्ट्रॉन ऐप्पल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है। विस्ट्रॉन ने टाटा ग्रुप को अपनी इंडिया यूनिट को 125 बिलियन डॉलर की एक सौदे में बेच दिया है। बोर्ड अप्रूवल के बाद विस्ट्रॉन का 100 फीसदी मालिकाना हक अब टाटा ग्रुप के पास होगा। बता दें कि ऐप्पल की स्ट्रेटजी में यह बदलाव काफी महत्वपूर्ण है। अभी तक ऐप्पल आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए काफी हद तक चीनी फैक्ट्रियों पर निर्भर रही है और दुनिया नए आईफोन की शिपिंग और मैन्युफैक्चरिंग सबसे ज्यादा चीन से ही होती है। इस फैक्ट्री को आईफोन 14 मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जाना जाता है। इस फैक्ट्री में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं।