नई दिल्ली| देश में कोरोना का दूसरा लहर पीक पर है और ऐसे में खबरे आ रही है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक है| लेकिन क्या इस खबर के पीछे एक साजिश रची गई है| बता दें कि देश में तीसरे लहर की खबर आने से पहले फाइजर नाम की कंपनी ने बच्चों के वैक्सीन का ट्रायल पहले से ही शुरू कर दिया था| तो क्या ये कंपनी की तरफ से एक साजिश है की इन्होंने कोवैक्सीन का मार्केट खत्म करने और अपना मुनाफा बनाने के लिए ऐसी खबरे चलाई|
आपको बता दे कि ऐसी ही खबर Remdesivir इन्जेक्शन के वक्त फैली थी की यह कोरोना से मरते हुए लोगों के लिए रामबाण है| लेकिन ऐसा कुछ हद्द तक ही संभव होते दिखा| क्योंकि कंपनियों और डॉक्टरों ने Remdesivir इन्जेक्शन की कालाबाजारी करना शुरू कर दी| कंपनी ने इन्जेक्शन के दाम तक बढ़ा दिए थे| काफी जांच पड़ताल के बाद ‘स्वदेश टुडे’ ने जानकारी में पाया की यह कंपनी के तरफ से एक तरह की लॉबीइंग का हिस्सा हो सकता है|
क्या होता है लॉबीइंग
दरअसल, लॉबीइंग एक तरह का ऐसा मार्केटिंग प्लान होता है जिसमें कंपनी कुछ खास लोगों को अपने प्रोडक्टस इस्तेमाल करने के लिए कहती है और उसके बदले में उन्हे किसी तरफ की खबर फैलाने को कहती है जिससे कंपनी की मांग मार्केट में बढ़ जाए|
इस बात की हम पुष्टि नहीं करते की ऐसा कंपनी के द्वारा किया गया है| लेकिन कंपनी के मार्केटिंग दृष्टिकोण से देखे तो एक हद्द तक ऐसा हो सकता है|