रांची। झारखंड सरकार अब 10 नहीं 25 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजेगी। अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना 2020 (संशोधित-2022) के तहत योग्य बच्चों से आवेदन मांगा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए यह आवेदन मांगा गया है। आवेदन देने की अंतिम तिथि 25 जून है। छात्रवृत्ति योजना के तहत यूनाइटेड किंग्डम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के चयनित विश्वविद्यालय, संस्थानों में उच्च स्तरीय शिक्षा तथा मास्टर-एमफिल के लिए अधिकतम 25 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी। आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गत 23 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना को हरी झंडी दिखायी थी। योजना के पहले चरण में अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन कर उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड किंगडम भेजा गया था। पहले इस योजना में केवल अनुसूचित जनजाति के बच्चों को ही शामिल किया जाता था।
बजट 2022-23 में हेमंत सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाया था। इसके तहत अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक बच्चों को भी योजना के दायरे में लाया गया था। पहले केवल 10 बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती थी, संशोधन के बाद कुल 25 बच्चों को योजना में शामिल किया गया है।
गरीब बच्चों को प्रतिभा निखारने का मिलेगा मौका
छात्रवृत्ति योजना को शुरू करने का उद्देश्य बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा मिलने में सहायता करना है। हेमंत सोरेन सरकार उच्च शिक्षा का अवसर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दे रही है। इसमें गरीब बच्चों को आगे बढ़ने का और अपनी प्रतिभा को निखारने का अच्छा अवसर मिलेगा।
छात्रवृत्ति योजना में 22 पाठ्यक्रमों को किया गया शामिल
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा परदेशिया छात्रवृत्ति योजना 2022 के अंतर्गत 22 पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। इन 22 पाठ्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, अर्थशास्त्र, मीडिया तथा कम्युनिकेशन, कला, कृषि, संस्कृति और विज्ञान जैसे विषय शामिल है।