रांची। झारखंड में हो रही भारी बारिश से प्रदेश का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे राज्य के कई जिलों में पुल-पुलिया टूट गए हैं। नदी-नाले उफान पर हैं और राजधानी सहित विभिन्न जिलों के कई मोहल्ले पानी में डूबे हुए हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक से 30 जून तक सामान्य से 88 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान राजधानी रांची में सबसे अधिक सामान्य से 213 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मॉनसून के दौरान अब तक राज्य के 24 में से पांच जिलों को छोड़कर शेष 19 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में छह जुलाई तक भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।

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मौसम विभाग के अनुसार दो और तीन जुलाई को उत्तरी-पश्चिमी और उत्तरी-मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है।जबकि चार जुलाई को उत्तरी-मध्य और उत्तरी-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है, जबकि कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। मौसम विज्ञान केन्द्र ने पांच और छह जुलाई को राज्य के उत्तरी-पश्चिमी जिले पलामू, गढवा, चतरा, लातेहार, कोडरमा और लोहरदगा में और उत्तरी-मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। साथ ही इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की आशंका को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मॉनसून के दौरान राज्य की राजधानी रांची में सबसे अधिक सामान्य से 213 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यहां 205 मिमी के मुकाबले 642.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश के चलते रांची के नदी-नाले, डैम और कई जल प्रपात उफान पर हैं वहीं रांची के कई निचले इलाके पानी मे डूब गए हैं। इनमें पंडरा का का पंचशील नगर, अपर बाजार, अपर बाजार स्थित सेवा सदन अस्पतताल, मोरहाबादी के कई इलाके, अरगोडा का अशोकपुरम शामिल है। भारी बारिश से आम लोगों को दैनिक कार्यों में परेशानी उठानी पड़ रही है। बच्चों को स्कूंल जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश से खूंटी में टूटे कई पुल-पुलिया-
खूंटी जिले में पिछले 15-20 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारी बारिश के कारण जिले के कई पुल-पुलिया और डायवर्जन टूट चुके हैं। खूंटी-सिमडेगा रोड पर बाबा आम्रेश्वरधाम के पहले बनई नदी पुल, डोड़मा सिसई-डोडमा रोड पर छाता नदीं पर बना डायवर्जन, लोधमा के पास कुलहुटू पुल और मुरहू रोड पर भी कई पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
भारी बारिश को लेकर कर्रा प्रखंड के किसान दिलीप शर्मा कहते हैं कि बारिश अब परेशानी का कारण बन गई है। उन्होंने कहा कि चाहे ऊपर का टांड खेत हो या निचला दोन, सभी जगह सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। धान की बिचड़ा डालने के लिए जो बीज खेतों में डाले जा रहे हैं, वह भी पानी में बह जा रहे हैं। तोरपा कें सिान पंचम साहू और राजू साहू बहते हैं कि खेतों में सब्जियां सड़ रही हैं। बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही है।
कोल्हान में जनजीवन अस्त-व्यस्त, चांडिल डैम के खोले गए 10 फाटक-
कोल्हान प्रमंडल में लगातार हो रही बारिश से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले के लोगों का जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है। पश्चिम सिंहभूम में शंख नदी, पूर्वी सिंहभूम में स्वर्णरेखा नदी और सरायकेला खरसावां में खरकाई नदी उफान पर हैं। चांडिल डैम के 10 फाटक खोल दिए गए हैं। इससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई गांवों और खेतों में पानी भर गया है। इससे यातायात, रोजगार और जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। हालांकि मंगलवार को बारिश में कमी के कारण बाढ़ के पानी में हल्की गिरावट दर्ज की गई। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं स्थानीय विधायक और पंचायत प्रतिनिधि भी प्रभावित गांवों में रहकर राहत सामग्री, भोजन, दवा और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है।
जिलों में इतनी बारिश दर्ज-
जिलावार बारिश की बात की जाए तो अब तक बोकारो में 173.4 मिमी की तुलना में 300.9 मिमी, चतरा में 167.3 मिमी की तुलना में 388.4, देवघर में 192.7 की तुलना में 139.3, धनबाद में 219.8 के मुकाबले 360.4, दुमका में 206.8 की तुलना में 283.9, पूर्वी सिंहभूम में 242.4 के मुकाबले 650.3, गढवा में 138.9 की तुलना में 133.6, गिरिडीह में 200.4 की तुलना में 231.5, गोडडा में 178.4 के मुकाबले 129.6, गुमला में 206.2 के मुकाबले 373.3, हजारीबाग में 202.3 की तुलना में 325.9, जामताडा 215.4 की तुलना में 275.4, खूंटी में 212 के मुकाबले 399.9, कोडरमा में 165.9 के मुकाबले 175.7, लातेहार में 183.5 की तुलना में 537.2, लोहरदगा में 204.8 की तुलना में 406.1, पाकुड में 235.2 के मुकाबले 189.2, पलामू में 128.1 मिमी की तुलना में 287, रामगढ में 202.8 मिमी की तुलना में 523.7, साहिबगंज में 239.6 की तुलना में 209, सरायकेला-खरसावां में 210.4 की तुलना में 530, सिमडेगा में 245.1 के मुकाबले में 477.3, पश्चिमी सिंहभूम 208.8 मिमी की तुलना में 400.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।


