रांची : प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के सौ एपिसोड पूर्ण होने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के चुनिंदे लोगो का जिक्र ‘मेरे प्यारे देशवासियों’ नाम के कॉफी टेबल किताब में किया जिनकी तस्वीर और उनकी उपलब्धियों की गाथा प्रकाशित की गई है। असाधारण उल्लेखनीय कार्य का प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में चर्चा की जिनमें झारखंड से एक नाम शामिल किया है और वह हैं डॉ. सपन कुमार पत्रलेख।
डॉ. सपन के ब्लैकबोर्ड मॉडल का विशिष्ट पुस्तक में विस्तार से चर्चा की गई है एवं पांच तस्वीर भी शामिल की गई है। इसे थिंकिंग कैंप क्रिएटिव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कुल 233 पन्नों में प्रकाशित किया गया है।
यह गौरव की बात है
डॉ. सपन कुमार पत्रलेख को डाक के माध्यम से किताब सूचना एवं प्रसारण विभाग द्वारा भेजा गया है। इस मौके पर डॉ. सपन कुमार पत्रलेख ने कहा कि निश्चित तौर पर ‘मेरे प्यारे देशवासियों मन की बात कॉफी टेबल किताब’ में स्थान पाना गौरव की बात है। यह झारखंड के सभी लोगों का सम्मान है। इस किताब में देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले दर्जनों लोगों के उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र है। जिसमें उनके पढ़ाने के अनोखे तरीके ब्लैकबोर्ड मॉडल का भी जिक्र है। यह किताब इतिहास में दर्ज होने के साथ उन्हें और बेहतर काम करने के लिए प्रेरणा देती है। गांधी जी के स्वराज के सपनों एवं प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने में यह किताब अपनी अहम भूमिका निभाएगा।
डॉ सपन का ब्लैकबोर्ड मॉडल बना चर्चा का विषय
इस किताब में डॉ. सपन के ब्लैकबोर्ड मॉडल पर लिखा गया है कि कोविड-19 महामारी पूरे विश्व के समुदाय के लिए चुनौती थी परीक्षा की इस घड़ी में कई भारतीयों ने अपने समुदाय की मदद के लिए नए-नए तरीके खोजे। झारखंड के दुमका जिला के जरमुंडी में शिक्षक डॉ. सपन कुमार पत्रलेख ने नई शिक्षा नीति से प्रेरित होकर ब्लैकबोर्ड मॉडल को अपनाया। तस्वीरों के सहारे उन्होंने अपना शिक्षण कार्य जारी रखा और इस प्रकार यह सुनिश्चित किया कि उनके गांव के बच्चे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। ग्रामीणों ने भी पढ़ाने की इस माध्यम का स्वागत किया। मन की बात में ब्लैकबोर्ड मॉडल की सराहना ने उन्हें और भी बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया है।