Ranchi : जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक की जांच की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि पेपर लीक मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की जाए। क्योंकि, पुलिस की एसआईटी की जांच अब तक सार्वजनिक नहीं हुई और न ही उस जांच में सभी तथ्य सामने आए हैं।
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हालांकि, अब तक यह जनहित याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है। राज्य सरकार ने जनवरी महीने में JSSC CGL की परीक्षा ली थी, जिसमें पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच की थी। पेपर लीक मामले की जांच के लिए तीन डीएसपी समेत सात पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में सौंप दी है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्जाम (जेएसएससी-सीजीएल) की परीक्षा का पेपर 28 जनवरी को लीक हो गया था। इसके बाद आयोग ने पहले थर्ड पेपर यानी सामान्य ज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी थी। अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद आयोग को तीनों पत्रों की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। जेएसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति की जानी थी। इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। रांची पुलिस की एसआईटी ने पेपर लीक के इस केस में झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों को फरवरी महीने में ही गिरफ्तार किया था। इनके पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, कई नामों वाले ब्लैंक चेक और कुछ मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।
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