दिल्ली की अदालत ने Bihar के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े कथित ‘Land For Job Scam’ व रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में ED द्वारा दायर चार्जशीट के संज्ञान के मुद्दे पर अपनी दलीलें सुरक्षित रख लीं है. बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट 20 जनवरी को, इस पर अपना आदेश सुना सकता है.
यह भी बता दें कि, यह ED कि पहली चार्जशीट है. जिसमें जमीन के बदले नौकरी घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में Bihar के पूर्व CM राबड़ी देवी, मीसा भारती यादव, हेमा यादव व अमित कात्याल का नाम शामिल है. इस केस की सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट में आरोप लगाया कि लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों की गलत कमाई को छुपाने के लिए 2 कंपनियां बनाई गई थीं. जहां दोनों कंपनियों को अब ED ने अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी बनाया हुआ है. ED ने कोर्ट को बताया था कि, यह कंपनी एके इंफो सिस्टम के ऑब्जेक्ट क्लॉज के मुताबिक, यह कमपनी डेटा एनालिसिस का काम करती है. लेकिन कंपनी द्वारा अब तक इस प्रकार का कोई कारोबार नहीं किया गया. वहीं, तेजस्वी यादव द्वारा दूसरी कंपनी एबी एक्सपोर्ट में 50 लाख रुपये लगाए गए है. ED के मुताबिक दोनों कंपनियों का इस्तेमाल आरोपियों द्वारा अपने इरादे को छिपाने के लिए किया जा रहा था.
ED की चार्जशीट में निम्नलिखित आरोप लगाए गए-
- एके इंफोसिस्टम्स को 1lakh की छोटी रकम के लिए लालू यादव के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर किया गया था. भारतीय रेलवे में Group-D कैटेगरी में नौकरियां देने के बदले, भूमि पार्सल खरीदे गए थे. एबी एक्सपोर्ट में 2007 में नकली ट्रांजैक्शन दिखाकर ₹5Crore की उगाही की गई थी.
- तेजस्वी यादव द्वारा एबी एक्सपोर्ट में 50 Lakh रुपये का निवेश किया गया और लैंड पार्सल खरीदे गए और 2014 में कंपनी राबड़ी देवी और तेजस्वी के नामपर ट्रांसफर कर दी गई.
- राबड़ी देवी पर 3 भूखंड, हिमा यादव पर 2 भूखंड और मीसा भारती पर 1-1 भूखंड फर्जी तरीके से बेचने का आरोप है.
- CBI द्वारा दायर मामले के नामित आरोपियों में Bihar के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी सहित 17 अन्य शामिल हैं.