रांची। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के चलाए गए अभियान से अब सिर्फ 103 इनामी नक्सली राज्य में बचे हैं।
झारखंड पुलिस ने 14 दिनों तक ऑपरेशन डबल बुल के नाम से चलाया, जिसमें काफी सफलता मिली। अभियान के दौरान 11 नक्सली भी गिरफ्तार किए गए हैं।
जेपीसी को छोड़ शेष चार संगठन के 103 हार्डकोर नक्सलियों-उग्रवादियों के खिलाफ राज्य सरकार ने एक लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का इनाम रखा है। इनकी तलाश जारी है।
झारखंड में पिछले 37 दिनों के दौरान आठ बड़े इनामी नक्सली कम हुए हैं। इन 37 दिनों के दौरान झारखंड सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर 25 लाख का इनामी विमल यादव सहित चार नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। तीन बड़े नक्सली गिरफ्तार हुए, जबकि एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया।
झारखंड पुलिस चार जोन में बांटकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इनमें एक जोन है सारंडा का जो सबसे बड़ा है।
इसमें सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, रांची और पश्चिमी सिंहभूम का सीमावर्ती क्षेत्र, पारसनाथ क्षेत्र, गुमला, लोहरदगा और लातेहार का क्षेत्र तथा बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र इसमें गढ़वा, पलामू, लातेहार आदि की सीमा आती है।
इन क्षेत्रों में नक्सलियों का अलग-अलग गिरोह सक्रिय है।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के दौरान पुलिस को सफलता भी मिल रही है। धीरे-धीरे इनामी नक्सलियों की संख्या कम हो रही है। सरकार के सरेंडर नीति से प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं।
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