हजारीबाग। कुख्यात अपराधी सरगना सुशील श्रीवास्तव एवं तीन अन्य की हत्या के मामले में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश षष्ठ अमित शेखर ने पांच लोगों के विरुद्ध सजा सुनाई है। विकास तिवारी एवं संतोष पांडे को सश्रम आजीवन कारावास एवं ₹40000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। उपरोक्त सजा भादवि की धारा 302 एवं 120 बी के तहत सुनाई गई है। भादवि की धारा 353 में 2 साल और 6000 का जुर्माना, 25(1ए) में 8 साल एवं 25000 का जमाना, 35 में 6 साल व 15 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई गई है। 27(2) में 10 साल एवं 20000 का जुर्माना तथा भादवि की धारा 341 में 1 माह की सजा और ₹200 का जुर्माना लगाया गया है। इसी प्रकार विस्फोटक अधिनियम 3 के तहत 10 साल और 20000, विस्फोटक अधिनियम 4 में 6 साल और 15000 का जुर्माना, वही विस्फोटक अधिनियम 5 में 6 साल की सजा एवं ₹15000 का जुर्माना लगाया गया है। इसी हत्याकांड के अन्य अभियुक्तों विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे एवं दिलीप साव को भी भादवि की धारा 302 और 120 बी के तहत उम्रकैद की सजा और 30,000 का जुर्माना लगाया गया है। भादवि की धारा 353 में 2 साल की सजा एवं ₹6000 जुर्माना एवं 341 में 1 माह की सजा और ₹200 का जुर्माना लगाया गया है। सभी सजाएं एक के बाद एक चलेंगी।
लोक अभियोजक भरत राम ने बताया कि हजारीबाग व्यवहार न्यायालय का यह बहुत बड़ा फैसला है। उन्होंने बताया कि 2 जून 2015 को व्यवहार न्यायालय परिसर में ही विकास तिवारी एवं उनके सहयोगियों ने सुशील श्रीवास्तव, ग्यास खान एवं कमाल खान की एके-47 की अंधाधुंध फायरिंग से हत्या कर दी थी। बताया गया कि 42 गवाहों ने इस मामले में अपनी गवाही दर्ज कराई है।