रांची। झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा की सदस्या खत्म किए जाने पर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई है। उनकी सदस्यता जानबूझकर स्पीकर के माध्यम से पार्टी के लोगों ने समाप्त करा दी है। इससे मैं विचलित होने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में घुसपैठ हुई है। राज्य सरकार वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है।
जनहित के सवालों का जवाब कौन देगा?
हेम्ब्रम शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है। ऐसे में उनके द्वारा उठाए गए जनहित के सवालों का जवाब कौन देगा? साथ ही कहा कि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उन्हें पूरा विश्वास है कि चालू सदन में उन्हें सवाल उठाने का मौका मिलेगा।
झारखंड लेबर सप्लाई स्टेट बन गया है
राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड लेबर सप्लाई स्टेट बन गया है। आदिवासी रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ गया है। चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि समय आने पर बताऊंगा। एक सवाल के जवाब में लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, इसका खुलासा समय आने पर करूंगा।
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उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम और मांडू से भाजपा विधायक जेपी पटेल संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल के दोषी पाए गए थे। दोनों विधायकों को पार्टी लाइन के खिलाफ गतिविधि में दोषी करार दिया गया था। इस आलोक में झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने फैसला सुनाते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी।
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