रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने कहा कि हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना (Hydrogen engine manufacturing project) के लिए टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस (Tata Motors and Tata Cummins) संयुक्त उपक्रम तथा झारखंड सरकार के बीच एमओयू होना निश्चित रूप से झारखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। ईश्वर ने इस राज्य को विभिन्न प्रकार की खनिज संपदाओं से आच्छादित किया है। यही कारण है कि झारखंड में कई छोटे-बड़े उद्योगों के साथ बड़े-बड़े तकनीकी उद्योग भी स्थापित हुए हैं। हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना निश्चित रूप से राज्य के विकास को गति देगी।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय के सभागार में टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा. लिमिटेड (TCPL Green Energy Solutions Pvt. Ltd.) (टाटा मोटर्स लिमिटेड और टाटा कमिंस लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम) के साथ उद्योग विभाग, झारखंड सरकार के बीच हाइड्रोजन इंजन निर्माण से संबंधित नई परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से दो दिन पहले देशभर में चंद्रयान मिशन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थीं। अंततोगत्वा भारत ने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। हमारे वैज्ञानिकों ने यह फिर साबित कर दिखाया कि भारत किसी से कम नहीं है। इस अभियान में झारखंड के बोकारो जिले के निवासी एक आदिवासी युवा शिवशंकर बेसरा का भी सराहनीय योगदान रहा है। शिवशंकर बेसरा इसरो की टीम में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड के नौजवानों में हुनर की कोई कमी नहीं है, बशर्ते कि हम नीति निर्धारण करने वाले लोग तथा यहां कार्यरत औद्योगिक संस्थाएं इस बात को समझें कि हमें इस राज्य के लिए क्या करना है? यहां के युवाओं को किस दिशा में आगे बढ़ाना है।
झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में शामिल है। हमारा राज्य पिछड़े राज्यों की लाइन में क्यों खड़ा है, मैं इसका मुकम्मल हल नहीं ढूंढ पाया हूं लेकिन हल ढूंढने के लिए निरंतर प्रयासरत हूं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार झारखंड के युवा पीढ़ी की सोच के अनुरूप, यहां की जन भावनाओं के अनुरूप विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए राज्य को आगे बढ़ने का काम कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य सरकार झारखंड की धरती पर हाइड्रोजन इंजन निर्माण के लिए टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस के संयुक्त उपक्रम के साथ समझौता हस्ताक्षर कर रही है। परियोजना के शुरुआती दौर में हाइड्रोजन इंजन का इस्तेमाल सिर्फ हैवी व्हीकल में किया जाएगा लेकिन धीरे-धीरे इसके दायरे बढ़ेंगे तथा छोटे वाहनों में भी हाइड्रोजन इंजन इस्तेमाल करने की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ऐसे ही प्रयासों से झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्रदेश का 30 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है। छोटे-छोटे झार-वनों को मिला दें तो यह बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाता है। वर्तमान समय में देश और दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन तेजी से चुनौती बनकर उभर रहा है। क्लाइमेट चेंज को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर बड़ी-बड़ी गोष्ठियां आयोजित कर चर्चाएं हो रही हैं। इस दिशा में हमारी सरकार एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए जन सहभागिता के साथ कई क्षेत्रों में सकारात्मक कार्य कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन का घातक असर दिख रहा है। इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। कहीं बेमौसम बरसात तो कहीं सुखाड़, कहीं बाढ़, विचित्र स्थिति बनी पड़ी है। प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ करने का परिणाम भी हम सभी लोग देख रहे हैं। प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरूरत है। राज्य में हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना जलवायु परिवर्तन में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर राज्य उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह और भारत में कमिंस ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय पाटिल ने मुख्यमंत्री, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ तथा कमिंस इंडिया में इंजन व्यवसाय के उपाध्यक्ष नितिन जिराफे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।