उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन में पहली संभागीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के कार्य समय-सीमा में एवं गुणवत्तापूर्ण कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। विकेन्द्रीकरण व्यवस्था से व्यवस्था में सभी कार्यों की मॉनीटरिंग की जायेगी, ताकि जनता के हित में एवं जनता के लिये बेहतर निर्णय लिये जा सकें। उन्होंने कहा कि जनता का हित सर्वोपरि है। उन्होंने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे भविष्य के प्रोजेक्ट को देखते हुए सरकारी जमीन आरक्षित करें। उन्होंने कहा कि उज्जैन सहित बड़े शहरों का झोनल प्लान बनाने की दिशा में नगर निगम विशेष प्लान तैयार करे। विकास के कार्य तेज गति से कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में उज्जैन संभाग के सभी संसदीय क्षेत्र के सांसद, विधायकगण, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, शहर प्राधिकरण अध्यक्ष, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक एवं संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स व पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश देते हुए कहा कि इस यात्रा से जनहितैषी योजनाओं का लाभ आम जनता को बेहतर ढंग से मिले। विकसित भारत संकल्प यात्रा में 25 हजार की आबादी प्रतिदिन कवर की जायेगी। इसमें नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की जनता को शासन द्वारा बनाई गई योजना की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की निर्माणाधीन सड़कों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सड़क सहित अन्य निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो जाये। सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से इसका पालन करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खुले में बेच रहे मांस एवं मछली वालों पर प्रभावी कार्यवाही जारी रहे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मांस एवं मछली विक्रेताओं के लिये सभी जगह मार्केट डेवलप किये जायें, ताकि सड़क पर मांस एवं मछली बेचने की नौबत न आये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने में कोई समझौता नहीं किया जायेगा। कहीं साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति होती है तो उसके कारकों पर प्रभावी कार्यवाही की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पुलिस अधीक्षक अपने-अपने थाना क्षेत्र में झोन को मजबूत करें। साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी इससे जोड़ें। उन्होंने कहा कि थानों का युक्तियुक्तकरण करके उनकी सीमा भी निर्धारित की जायेगी। थानों का रिव्यू किया जायेगा, ताकि उनकी उपयोगिता एवं सार्थकता सिद्ध हो सके। निर्धारित डेसीबल से ज्यादा की ध्वनि पर बजने वाले लाऊड स्पीकरों पर कार्यवाही होती रहे।
डॉ. यादव ने कहा कि समाज के ऐसे सेवा निवृत्त लोगों की सेवाएं ली जायेंगी, जो अच्छे कार्य करते हैं। ऐसे लोगों का उपयोग समाजहितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन में किया जायेगा। उन्होंने मिलावटी दूध व पेट्रोल पर पूर्व की तरह ही कार्यवाही करने के निर्देश दिये, लेकिन साथ ही कहा कि इससे सही काम करने वाले लोगों को परेशान न किया जाये।
उन्होंने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि दताना व मुल्लापुरा मार्ग को जोड़कर कार्य करें। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी जो सड़क बना रहे हैं, वे एक तरफ से बनाते हैं। आवश्यकता है कि दोनों ओर से सड़क बनाई जाये। उन्होंने कहा कि पाईप लाइन सड़कों पर डालने से सड़क कट रहे हैं, अत: लोगों को समझाईश दी जाये कि वे सड़कों पर पाईप लाइन न डालें। सड़कों पर पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था बनाई जाये। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिये कि नये निर्माण कार्य करने के लिये पहले से बने हुए पक्के निर्माण स्थल को न तोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि जितने भी निर्माण कार्य हैं, जिनमें दो विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता है, वहां वे मॉनीटरिंग कर बेहतर समन्वय स्थापित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कलेक्टर्स विधायकगणों की समस्याओं और उनके विषयों का निराकरण प्राथमिकता से करें। दोनों के बीच बेहतर तालमेल हो। उन्होंने कहा कि विकास का एजेण्डा सबसे पहले है। बैठक में विधायकगणों ने सड़क, भवन निर्माण का मुद्दा उठाया। साथ ही विकसित भारत संकल्प यात्रा को लेकर किये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।