Shimla। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि प्रदेश सरकार सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने एवं कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है तथा व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से सभी लक्ष्य प्राप्त किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने सोमवार को वार्षिक योजना 2024-25 विधायक प्राथमिकता बैठक के पहले दिन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है तथा भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशा तस्करों व खनन माफिया पर लगाम लगाने के साथ-साथ बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं पर बजट से पहले विचार-विमर्श किया जाता है ताकि विकासात्मक कार्यों के प्रति उनके दृष्टिकोण व सुझावों का बजट में समावेश किया जा सके। इस बार विधायक प्राथमिकता के स्वरूप को भी बदला गया है तथा हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विधायक अपने सुझाव राज्य सरकार को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक साल में विकास कार्यों में गति लाई है तथा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि डीजल व पेट्रोल की गाड़ियों पर निर्भरता कम करने के लिए ई-वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा इसके लिए जरूरी आधारभूत संरचना को भी तैयार किया जा रहा है। इस बैठक में सोलन, चंबा, बिलासपुर तथा लाहौल-स्पिति जिला के विधायकों ने अपनी मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं।