NEW DELHI: संसद से पारित तीन नए संशोधित आपराधिक कानूनों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की मंजूरी भी मिल गई है। इन कानूनों के बाद अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता (द्वितीय) बन गई है, वहीं दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (द्वितीय) ने ली है। इसके अलावा तीसरे कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता (द्वितीय) बन चुकी है।
नए कानून बनने के बाद धोखाधड़ी और ठगी करने वालों के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जाता था, लेकिन अब धारा 316 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
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लोगों की जुबान पर रहने वाली कुछ महत्वपूर्ण धाराएं-
– भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में हत्या की सजा का प्रावधान था, अब हत्या को लेकर सजा धारा 101 हो गयी है।
-भारतीय दंड संहिता की धारा 420 धोखाधड़ी का अपराध थी, अब नए बिल में धोखाधड़ी धारा 316 के तहत हो चुकी है।
– भारतीय दंड संहिता की धारा 144 अवैध जमावड़े से संबंधित थी, जिसे अब धारा 187 के नाम से जाना जाएगा
– मानहानि से जुड़ी आईपीसी की धारा 499 अब नए कानून की धारा 354 के अंतर्गत आती है।
– आईपीसी के तहत बलात्कार से संबंधित धारा 376, अब धारा है और धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 सामूहिक बलात्कार के अपराध से संबंधित है।
– राजद्रोह से जुड़ी आईपीसी की धारा 124-ए को खत्म कर दिया गया है। वहीं उसकी जगह देशद्रोह कानून को धारा 150 के रूप में जाना जाएगा।