कठुआ। कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग कठुआ के मधुमक्खी पालन प्रभाग द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन और राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के तहत मधुमक्खी पालन पर जिला स्तरीय एक दिवसीय संगोष्ठी सह जागरूकता का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ में किया गया।
सेमिनार की शुरुआत अशोक कुमार क्षेत्र विकास अधिकारी कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण विभाग कठुआ द्वारा मधुमक्खी पालन पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग कठुआ के मधुमक्खी पालन प्रभाग द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन और राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के तहत मधुमक्खी पालन पर जिला स्तरीय एक दिवसीय संगोष्ठी सह जागरूकता का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ में किया गया। मुख्य अतिथि संयुक्त कृषि निदेशक (विस्तार) जम्मू आर के हितेशी ने कहा कि मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए और मीठी क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मधुमक्खी पालन के समग्र विकास की आवश्यकता महसूस की गई। तदनुसार वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार और विकास और गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह योजना राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के माध्यम से केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्यान्वित की जाएगी।
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मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ संजीव राय गुप्ता ने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के तत्वावधान में मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी पालकों के बीच उद्यमिता, बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है। कठुआ में हुई प्रगति के संबंध में संजीव राय गुप्ता सीएओ कठुआ ने शहद उत्पादन और कृषि विभाग कठुआ द्वारा हाल के तीन वर्षों में की गई पहल के संबंध में तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिले में वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान 174 और 161 की तुलना में 183 मधुमक्खी पालक हैं। शहद का उत्पादन 2020-21 में 364.8 क्विंटल से 30 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 के दौरान 473.27 क्विंटल हो गया, जिससे 2020-21 में 1.0944 करोड़ रुपये की तुलना में 1.42 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि बेरोजगार युवा शहद निकालने और मधुमक्खी पालन को एक पेशे के रूप में अपना रहे हैं, जबकि मौजूदा मधुमक्खी पालकों को विभाग द्वारा आयोजित सेमिनारों और जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा लगातार अद्यतन किया जा रहा है, जिससे उनके ज्ञान को समृद्ध किया जा रहा है और उन्हें मधुमक्खी पालन की आधुनिक प्रथाओं को अपनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों से मधु-क्रांति पोर्टल पर पंजीकरण करने का भी अनुरोध किया।
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डॉ. विशाल महाजन समन्वयक केवीके कठुआ ने मधुमक्खी पालन और शहद निष्कर्षण पर परिचयात्मक व्याख्यान दिया। उनके बाद केवीके कठुआ के वैज्ञानिक डॉ. ब्रिजेश अजरावत, वरिष्ठ देविंदर सिंह विश्लेषणात्मक सहायक एसटीएल कठुआ और अमित शर्मा विषय वस्तु विशेषज्ञ द्वारा मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी कॉलोनी प्रबंधन, मधुमक्खी पालन के लिए उपलब्ध योजनाओं के प्रॉस्पेक्टस और संभावनाओं के बारे में व्याख्यान दिया गया। सब डिवीजन स्तर बिलावर मधुमक्खी पालकों और शहद निकालने वाले उद्यमियों अर्थात् सुरेश कुमार और राजिंदर कुमार ने भी इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित मधुमक्खी पालकों के साथ शहद और शहद उत्पादों की उद्यमशीलता, ब्रांडिंग, निष्कर्षण और विपणन से संबंधित अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आरके हितेशी संयुक्त कृषि निदेशक (विस्तार) जम्मू और संजीव राय गुप्ता मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ द्वारा प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों के बीच प्रशंसा प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।