भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली, सशक्त और सक्षम सेना है जो सीना ताने सीमा पर खड़ी रहती है। आज हम इसलिए सुरक्षित हैं क्योंकि धूप, गर्मी, बरसात और सर्दी में भी हमारे सेना के जवान सीमाओं पर तैनात रहते हैं। चाहे रेगिस्तान की गर्मी हो या लेह-लद्दाख, सियाचिन की कड़कड़ाती सर्दी, हमारे जवान हर परिस्थिति में सीमाओं की सुरक्षा का काम करते हैं। हमारी सेना अद्भुत है, हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है। हमारी सेना धर्म के विजय के लिए कार्य करती है।
मुख्यमंत्री चौहान भोपाल में आयोजित फौजी मेले के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यहां पुलिस मुख्यालय के पास एमवीएम महाविद्यालय मैदान में फौजी मेले का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार सुबह इसका शुभारम्भ किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस मेले में भारतीय सेना द्वारा युद्ध के दौरान उपयोग किए जाने वाले हथियार और वाहनों को आमजन पास से देख सकेंगे।
दरअसल, सेना के तीनों अंगों की जानकारी नागरिकों को देने एवं युवा वर्ग के सेना से जुड़ने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से यहां फौजी मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले में युद्ध के समय वायुसेना, थल सेना एवं नौसेना के जांबाज सैनिकों के साहस और कर्तव्यनिष्ठा की जानकारी दी जाएगी। सेना के बेड़े में शामिल वाहन भी लोग देख सकते हैं। बड़ी संख्या में वाहन एवं हथियार एमवीएम मैदान पर रखे गए हैं। यहां सुबह बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और हथियारों को नजदीक से देखा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सेना की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि फौजी मेला मध्य प्रदेश और भोपाल के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने देश सेवा करते हुए सदैव अभूतपूर्व साहस का प्रदर्शन किया। जब भी जरूरत पड़ी, मातृभूमि की सेवा के लिए सीने पर गोली खाई, शत्रुओं की गोली कभी हमारे जवानों ने पीठ पर नहीं खाई।
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं में घुसने की कोशिश की तो सेना ने उन्हें सबक सिखाया। कारगिल युद्ध में हजारों फीट की ऊंची चोटियों पर चढ़कर दुश्मन का सर्वनाश किया। दुश्मनों ने देश की धरती पर अपने नापाक कदम रखने की कोशिश की तो हमारी सेना ने घर में घुसकर मारा।
प्रारम्भ में मुख्यमंत्री ने पहले रिबन काटकर एवं बाद में शांति के प्रतीक गुब्बारे छोड़ कर फौजी मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर आर्मी बैंड द्वारा मधुर धुन पेश किए गए। मुख्यमंत्री ने अभिवादन कर मेले में मौजूद सैनिकों एवं बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर जिला कलक्टर अविनाश लवानिया के अलावा भारतीय सेना एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
तोप-गोले, टैंक भी देख सकेंगे
आमजन इस फौजी मेले में युद्ध के दौरान उपयोग किए गए जाने वाले कुछ हथियारों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। करीब 50 किलोमीटर दूर तक मारक क्षमता वाले टैंक व इस तरह के हथियारों के बारे में अभी तक कम ही जानकारी मिलती है। अब शहर के बीच में एमबीएम मैदान पर नए एवं पुराने भोपाल के लोग भी प्रदर्शनी में जानकारी ले सकेंगे। फौजी मेले का समापन दो अप्रैल को होगा।