Jodhpur। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि हमारी राष्ट्रीयता भारतीय और धर्म सनातन है। उन्होंने कहा कि धर्म सिर्फ सनातन है बाकी सब उपासना विधियां हैं। सनातन हर काल और परिस्थित में बिना डिगे, बिना हटे और बिना झुके अपनी जीवंतता को बनाए रखा है, इसलिए दुनिया के अंदर बहुत सारे लोग आए और चले गए। लेकिन, सनानत धर्म सम और विषम हालातों का सामना करते हुए लगातार आगे बढ़ा है। सनातन का स्वरूप विराट है, जो सबको अपने में समाहित कर लेता है। इसका मार्ग हमारे संतों और योगियों ने हमें दिखाया है।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को ब्रह्मलीन आयस योगी कैलाशनाथ महाराज का विशाल भण्डारा महोत्सव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे यहां सिद्ध योगियों की एक लंबी परंपरा है, जिन्होंने विज्ञान को चुनौती दी। भौतिकता के बंधनों से ऊपर उठकर जिन्होंने हमें जीने का एक नई राह दिखाई। हमारे योगियों और संतों ने सनातन धर्म के वास्तविक मूल्यों का हमें साक्षात दर्शन करवाया है। कुछ कालखंड में सनातन के समक्ष चुनौतियां जरूर आईं, लेकिन जब सनातन धर्मावलंबियों के साथ एक स्वर में पूरा भारत खड़ा हो गया तो सारी समस्याएं समाप्त हो गईं।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Maryada Purushottam Lord Shri Ram) के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। 500 वर्षों के अंतराल के बाद इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। हर भारतवासी प्रफुल्लित है। दुनिया के अंदर जहां कहीं भी सनातनी है, आज वह अपनी इस गौरवशाली परंपरा पर गौरवान्वित हो रहा है। यही नहीं राम मंदिर के बन जाने से दुनिया में हर दबी, कुचली और शोषित सभ्यता को एक नया जीवन मिला है। दुनिया की तमाम परंपराएं अब यह सोचने लगी हैं कि अगर 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बन सकता है तो दुनिया के अंदर हर कार्य संभव हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि हमें विभाजनकारी शक्तियों से दूरी बनानी पड़ेगी। एकजुट होकर कार्य करना होगा और अंततः शांति और शाश्वत कल्याण का मार्ग केवल और केवल सनातन धर्म ही दे पाएगा। सनातन धर्म के उन मूल्यों और आदर्शों पर चलकर ही भारत समृद्धि की नए प्रतिमान स्थापित कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य हम सबके सामने रखा है। इसके लिए उन्होंने पंच प्रण गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, विकसित भारत, विरासत पर गर्व, एकता एवं एकजुटता और नागरिक कर्तव्य दिए हैं। इन्हीं पंच प्रण को आधार बनाकर हमें कार्य करना होगा तभी हम भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बना पाएंगे।
कार्यक्रम में योगी गिरिवरनाथ महाराज, महंत लक्ष्मनाथ महाराज, महंत रामनाथ महाराज, महंत प्रतापपुरी महाराज, जोधपुर के श्रीधर सिंह, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, सांसद पीपी चौधरी समेत भारी संख्या में संत और गणमान्य लोग मौजूद थे।